सारण (गड़खा). जिले के गड़खा के किवानी गांव निवासी पूर्व जिला पार्षद संपत राम राही के बेटे को अगवा करने वाला कोई और नहीं संपत के साथ रहने वाला युवक ही निकला. ग्रामीणों ने आरोपी युवक को गड़खा बाजार में देखते ही पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया.
12 मार्च 2020 को संपत राम ने गड़खा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया था कि उनका 10 साल का बेटा अमरजीत कुमार राही साइकिल से खेलने गया था, परंतु वापस नहीं आया. इस मामले में रंजीत राम, अखिलेश राम, रंजन राज, ओम नारायण और प्रदुमन राम पर संदेह जताया गया था. इस मामले में पुलिस ने छानबीन की तो कई चौकाने वाली बातें सामने आईं.
अगवा होने वाले अमरजीत ने पुलिस को बताया था कि मैं साइकिल चला रहा था तभी सोनू मुझे घुमाने ले जाने की बात कहकर बाइक पर बैठा लिया. सोनू मुझे डोरीगंज के गेहूं के खेत में ले गया. सोनू बोला कि देखते हैं तुम में कितना दम है. वह मेरा गर्दन दबाने लगा फिर मुझे मारने लगा. गला दबाने से मैं बेहोश हो गया. उसे लगा कि मैं मर गया हूं तो मुझे खेत में छोड़कर भाग गया. जब होश आया तो मैं खेत में अकेला था. अंधेरा हो गया था. सोनू को मैं पहले से जानता हूं. मेरे ही घर में रहता है. मेरे पिताजी का काम देखता है. मेरे पिताजी राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाते हैं. राई के खेत में कुछ लोग कटनी कर रहे थे. मैं रोते-रोते वहां गया. उनलोगों ने मुझे चुप कराया और पिताजी को फोन पर सूचना दी.
पिता के कहने पर बेटे को किया अगवा
गड़खा थाना में ग्रामीणों ने एक आवेदन दिया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व जिला पार्षद के बेटे को साजिश के तहत उनके साथ रहने वाले सोनू कुमार द्वारा अपहरण कराया गया. रंजीत कुमार राम, अखिलेश राम, प्रदुम्न कुमार, रंजन राम, बिकु राम और ओम नारायण प्रसाद पर अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया.
ग्रामीणों ने इस संबंध में एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें अपहरणकर्ता सोनू कुमार बोलता नजर आ रहा है कि पूर्व जिला पार्षद के कहने पर ही उनके बेटे को उठाया था. पुलिस ने बताया कि दिघवारा थाना क्षेत्र के शीतलपुर निवासी राजनारायण साह के बेटे सोनू कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. वहीं, संपत राम राही ने कहा कि राजनीति द्वेष के चलते मुझे फंसाया जा रहा है.