छपरा में अंकिता पैरों से लिख दे रही परीक्षा छपराः इंसान की दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने पहाड़ जैसी चुनौती भी धूल के कण की तरह प्रतीत होती है. इसकी बानगी बिहार के छपरा में देखने को मिली. छपरा की बेटी के जज्बे ने शारीरिक दिव्यांगता को धता बता सफलता की नई इबारत लिख रही है. दरअसल, छपरा के बनियापुर के हरपुर कराह की रहने वाली युवती अंकिता दोनों हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद अपने पैरों से लिखकर परीक्षा (Chapra girl writing exam with feet) दे रही है.
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बुलंद हौसले ने पीछे छोड़ दी शारीरिक दिव्यांगताः अंकिता ने अपने हौसले के आगे दिव्यांगता को हावी होने नहीं दिया. उसने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए पैरों से लिखने का अभ्यास शुरू किया और आज वह बड़े आराम से पैर के सहारे लिखकर परीक्षा दे रही है. अंकिता जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट 2 की छात्रा है, जो जेपी यूनिवर्सिटी के लोकमान्य महाविद्यालय हाफिजपुर में इतिहास विषय से पढ़ाई कर रही है. अंकिता फिलहाल छपरा शहर के राम जयपाल कॉलेज में परीक्षा दे रही है. बता दें कि अंकिता के हाथ जन्म से ही नहीं हैं.
अंकिता के जज्बे को सलाम कर रहे लोगः छपरा की रहने वाली अंकिता कुमारी के दोनों हाथ नहीं हैं. इसके बावजूद अंकिता पांव के सहारे लिख कर अपने सपनों को उड़ान दे रही है. पैरों से कलम पकड़ उत्तर पुस्तिका पर लिखते हुए देख सभी लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं. परीक्षा केंद्रों पर इस स्थिति को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है. अंकिता के इस जज्बे को सभी लोग सलाम कर रहे हैं.
परीक्षा केंद्र पर अलग से की जाती है व्यवस्था: अंकिता के लिए उसके परीक्षा केंद्रों पर अलग से व्यवस्था की जाती है. जमीन पर दरी और चादर बिछाकर अंकिता के लिए परीक्षा देने का इंतजाम किया जाता है. वह जमीन पर बैठ पैरों के सहारे उत्तर पुस्तिका पर सभी प्रश्नों का जवाब लिखती है. शारीरिक दिव्यांगता होने के बाद भी बुलंद हौसले और मजबूत इरादे के चलते अंकिता समाज को एक नया संदेश दे रही है.