सारण: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब सरगर्मियां काफी तेज हो चुकी है. सभी दलों के प्रत्याशी लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क कर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं, निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी प्रचार अभियान काफी तेज कर दिया है. छपरा शहरी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो भाजपा द्वारा वर्तमान विधायक डॉ सी एन गुप्ता को टिकट दिया गया है. वहीं, उनके प्रतिद्वंदी पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.
चुनाव में बागी नेता ठोक रहे ताल
इस बार दोनों ही दलों को अपने बागी उम्मीदवारों से भी काफी परेशानी हो रही है. राजद की की बात की जाए तो कल तक राजद के साथ उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे बागी उम्मीदवार सुनील राय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा की बात की जाए तो भाजपा की कर्मठ कार्यकर्ता रही डॉक्टर विजयारानी सिंह भी इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी हैं.
वर्तामान विधायक से ना खुश है जनता
वहीं, वर्तमान भाजपा विधायक डॉ सी एन गुप्ता के 5 साल के कार्यकाल से स्थानीय जनता में काफी आक्रोश है. चुनाव प्रचार के दौरान जनसंपर्क अभियान के लिए निकले डॉक्टर गुप्ता का कई जगह पर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया है. भाजपा के लिए छपरा विधानसभा सीट काफी प्रतिष्ठा की हो गयी है. क्योंकि यहां महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश के प्रधानमंत्री भी छपरा के दौरे पर आ रहे हैं. भाजपा नेताओं का दावा है की छपरा की सीट भाजपा की है और आगे भी भाजपा उम्मीदवार ही यहां से जीत दर्ज करेंगे.
नौकरी छोड़ चुनाव में युवा अजमा में रहे अपना भाग्य
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी में युवाओं का काफी बोल बाला हो रहा है. हर राजनीतिक पार्टी इस बार युवाओं के लिए काम करने की बात कर रही है. ऐसे में एक युवा इंजीनियर अपनी नौकरी छोड़ कर देश और समाज के लिए कुछ करने की ललक के साथ राजनीति में आया है. हम बात कर रहे हैं मांझी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी सौरभ सन्नी की. सौरव मांझी के पूर्व विधायक बुधन प्रसाद के परिवार से आते हैं और फिलहाल बोकारो से इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर देश और समाज के लिए कुछ करने के विजन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं. सौरव का कहना है कि आज बिहार शिक्षा और स्वास्थ्य के मामलों में सबसे ज़्यादा पिछड़ा है और चुनाव जीतने पर सबको स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था उनकी पहली जिम्मेदारी होगी.