बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सोनपुर: तीसरे शुक्रवार को भी हरिहरनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़, बंम-बंम भोले के नारों से गूंज उठा मंदिर परिसर

सावन के तीसरे शुक्रवार को सोनपुर के पहलेजा घाट पर लगभग 3 लाख की भीड़ उमड़ पड़ी. विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहलेजा घाट पर स्नान कर चढ़ाया जल.

By

Published : Aug 3, 2019, 3:29 PM IST

बाबा हरिहरनाथ मंदिर

सारण: सावन का महीना जैसे समापन की तरफ बढ़ रहा है. वैसे ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. सावन के तीसरे शुक्रवार को सोनपुर के पहलेजा घाट पर लगभग 3 लाख भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. हर साल की तुलना इस बार सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भोलेनाथ के दर्शन के लिए घंटों तक लाइन में रहकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. बता दें कि हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहलेजा घाट पर स्नान कर विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में जल चढ़ाया.

हरिहरनाथ मंदिर सोनपुर


मंदिर के अंदर से बाहर तक भक्तों की भारी भीड़ थी. मंदिर न्यास समिति ने इसको लेकर पहले से ही अच्छी तैयारी की थी. जिससे भीड़ को नियंत्रण करने में परेशानी नहीं हुई. पुलिस अधिकारी शम्भू शरण पांडेय एक-एक पल की मॉनिटरिंग कर रहे थे. इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी और ठहरने के लिये अतिथिशाला की भी व्यवस्था की गई थी. प्रशासन की ओर से अच्छी व्यवस्था होने से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

दो लाख से ज्यादा डाकबम ने हर साल की तरह इस बार भी सोनपुर के पहलेजा घाट से जल लेकर बाबा हरिहरनाथ मंदिर में चढ़ाया. यहां से मुजफ्फरपुर जिले के प्रसिद्ध बाबा गरीबनाथ मंदिर के लिये प्रस्थान कर गए. यहां के विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस के जवान काफी संख्या में मौजूद थे. जगह जगह स्थानीय जनता द्वारा कांवड़ियों को शर्बत और पानी पिलाने के लिये जगह-जगह स्थानीय मौजूद थे. मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

बाबा हरिहरनाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने चढ़ाया जल

प्रसाद के तौर पर भांग का उपयोग
मान्यता है कि सोमवार और शुक्रवार को भांग और शरबत का सेवन करने से बाबा भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. यही कारण है कि कांवड़िया सावन के दौरान प्रसाद के रूप में इसे लेते हैं.भगवान शिव को यह बेहद पसंद है. मान्यताओं के मुताबिक सावन में इसे नशा नहीं समझकर प्रसाद के तौर पर भांग, गांजा का उपयोग करने का रिवाज है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details