बिहार

bihar

ETV Bharat / state

समस्तीपुर: लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर किया NOTA का इस्तेमाल

जिले में पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में नोटा का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुआ. दोनों लोकसभा में दर्जनों नेता पर नोटा ही हावी रहा.

मतदाता

By

Published : May 25, 2019, 11:36 AM IST

समस्तीपुर: जिले के दोनों लोकसभा क्षेत्रों में नेता पर नोटा हावी दिखा. इस लोकसभा चुनाव की जंग में सुरक्षित सीट समस्तीपुर और उजियारपुर में कई मतदाताओं ने पहली बार नोटा का बटन दबाया. दोनों लोकसभा सीटों के चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों को छोड़ कर लगभग 27 अन्य उम्मीदवारों के कुल वोट पर नोटा हावी हुआ.

चौंकाने वाले आंकड़े
2019 के इस जंग में जहां देश से चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं. वहीं जिले के नतीजे भी कुछ कम अचरज वाले नहीं थे. 2014 में महज 6 हजार से कुछ ज्यादा मतों से अपनी सीट बचाने वाले लोजपा के रामचंद्र पासवान ने इस बार अपने उसी विरोधी अशोक कुमार को दो लाख 50 हजार से अधिक मतों से मात दी.

लोजपा नेता का बयान

नोटा का इस्तेमाल
वहीं सड़कों पर खून बहाने वाले बयान के जाल में फंसे रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा तो उजियारपुर की जंग में पहले राउंड से ही पिछड़ते चले गए. इन सब के बीच 2019 की महाजंग में जिले के जागरूक मतदाताओं ने नोटा का भी खूब बटन दबाया. पहली बार जिले के दोनों लोकसभा में 29 उम्मीदवारों में लेफ्ट सहित 26 को मिले कुल मतों में नोटा की संख्या कई गुना ज्यादा रही.

नोटा के नंबर से भी काफी पीछे
उजियारपुर लोकसभा में जहा 14 हजार 434 मतदाताओं ने नोटा दबाया. वही समस्तीपुर सुरक्षित क्षेत्र में 35 हजार 417 मतदाताओं ने नोटा दबाया. उजियारपुर की सीट पर जंग लड़ रहे 18 उम्मीदवारों में एनडीए और महागठबंधन को छोड़कर निर्दलीय प्रत्याशी ममता कुमारी को 23 हजार 590 वोट मिले. वही लेफ्ट समेत 15 उम्मीदवार इस नोटा के नम्बर से भी काफी पीछे रह गए

पसंद का कोई भी उम्मीदवार नहीं
वहीं समस्तीपुर सुरक्षित सीट पर तो इन दोनों गठबंधन को छोड़कर 11 में 9 उम्मीदवार तो नोटा के नम्बर के आधे भी नही पंहुच पाये. जिले में नोटा के इतने ज्यादा इस्तेमाल का मतलब जागरूक मतदाता अपने जनप्रतिनिधि को लेकर क्या सोचते है. जिले के लगभग 50 हजार मतदाताओं ने मतदान तो किया, लेकिन उनकी पसंद कोई भी उम्मीदवार नहीं रहा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details