समस्तीपुर:जिले में पड़ रही भीषण गर्मी में बेजुबानों का हाल भी बेहाल है. सबसे अधिक समस्या इस मौसम में होने वाली कई गंभीर बीमारियों की है. समय पर सही इलाज नहीं मिल पाने के कारण जानवरों की जान जा रही है. खासतौर पर इस मौसम में लू लगने के साथ-साथ सरा नामक बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है.
लापरवाही: दवाईयों से भरा है पशु चिकित्सालय फिर भी जा रही है बेजुबानों की जान - government negligence
जिले के पशु अस्पताल से 42 प्रकार की दवाईयां भेजी जाती हैं. वहीं, मौसम के अनुरूप कई जरूरी दवाओं की खेप भी भेजने का निर्देश है. लेकिन, मौजूदा समय में पशुपालक अपने स्तर से इलाज कराने को विवश हैं.
इसके अलावे इस मौसम में कीड़े लगने की समस्या बढ़ जाती है. लेकिन, लापरवाही का हाल यह है कि जिले के किसी भी पशु अस्पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं है. पशुपालक अपने बीमार जानवर को अस्पताल लेकर जाते हैं और निराश होकर लौट आते हैं. उन्हें दवाईयां बाजार से खरीदनी पड़ रही है.
पशुपालकों को बाजार से खरीदनी पड़ रही दवा
जिले के पशु अस्पताल से 42 प्रकार की दवाईयां भेजी जाती हैं. वहीं, मौसम के अनुरूप कई जरूरी दवाओं की खेप भी भेजने का निर्देश है. लेकिन, मौजूदा समय में पशुपालक अपने स्तर से इलाज कराने को विवश हैं. इस बाबत जिला पशुपालन पदाधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि गोदाम तो दवाओं से भरे हैं, लेकिन स्टॉक जांच नहीं होने की वजह से दवाओं को वितरित नहीं किया जा सका है. गौरतलब है कि पहले से ही जिला मुख्यालय से लेकर सभी प्रखंड पशु अस्पतालों का हाल बदहाल है. पशुपालकों को सरकारी व्यवस्था होने के बावजूद निजी व्यवस्था पर ही निर्भर रहना पड़ता है.