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Uniform Civil Code : 'देश में UCC लागू करना आसान नहीं.. इसके कुपरिणाम भी आएंगे सामने'- प्रशांत किशोर - ईटीवी भारत न्यूज

केंद्र सरकार की ओर से यूसीसी लाये जाने पर हो रही चर्चा को लेकर प्रशांत किशोर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारत में यूसीसी लागू करना आसान नहीं होगा. यहां की डायवर्सिटी को देखते हुए यह काफी कठिन काम होगा. क्योंकि इसके व्यापाक कुपरिणाम भी सामने आएंगे. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 4, 2023, 4:47 PM IST

प्रशांत किशोर का बयान

समस्तीपुर :बिहार के समस्तीपुर में प्रशांत किशोरने अपनी पदयात्रा के दौरान यूसीसी के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ने कहा कि देश में यूसीसी लागू करना आसान नहीं होगा. देश की डायवर्सिटी को देखते हुए इसे लागू करना काफी कठिन है. यूसीसी एक ऐसा मुद्दा है जो देश के बड़े जनसंख्या को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. ऐसे में यूसीसी लागू करना ज्यादा कठिन है. फिर भी यह अगर लागू होता है तो इसके परिणाम व कुपरिणाम भी सामने आएंगे.

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'बीजेपी अपनी घोषणापत्र के मुद्दों को लागू करेगा हीं' :प्रशांत किशोर ने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार ने दो मुद्दे लागू कर दिये. स्वाभाविक तौर से उनकी बहुमत है. जब तक उनको जनता ने आशीर्वाद नहीं दिया था तो उनके घोषणा पत्र में जो तीनों मुद्दे थे वह लागू नहीं हो रहे थे. जनता जब चुनकर उनको ला रही है तो स्वाभाविक तौर पर वह अपने घोषणापत्र के जो बिंदू हैं उसे लागू करेंगे. धारा-370 केवल कश्मीर से जुड़ा था. इसलिए लागू होने से पूरा देश प्रभावित नहीं हुआ. राममंदिर बना इससे भी पूरे देश की जनता प्रभावित नहीं हुई थी. इससे बस वही आबादी प्रभावति हुई थी जो इसके पक्ष या विपक्ष में थे. UCC देश की बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करता है.

"UCC लागू करना आसान नहीं है जो देश की डायवर्सिटी है उसको देखते हुए आसान नहीं है. धारा-370 केवल कश्मीर से जुड़ा था इसलिए लागू होने से पूरा देश प्रभावित नहीं हुआ. UCC देश की जनता को प्रभावित करता है इसलिए इसको लागू करना ज्यादा कठिन है." - प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज

लोगों से मिलते प्रशांत किशोर.

महाराष्ट्र की राजनीति पर भी ली चुटकी : समस्तीपुर में पदयात्रा के दौरान महाराष्ट्र की राजनीतिक हालात पर प्रशांत किशोर ने बयान दिया. उन्होंने कहा की विधायकों के एक दल से दूसरे दल में जाने का पार्टी समर्थकों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा. एनसीपी के कुछ नेता अगर पार्टी को छोड़ दें, तो ऐसा नहीं है कि उनके समर्थक भी पार्टी को छोड़ देंगे. ये मेरा मानना है. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग है. बिहार के संदर्भ में जब महागठबंधन बना था, तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर कोई सीधा प्रभाव पड़े, ये जरूरी नहीं.

बिहार में जातीय सियासत पर फिर भड़के पीके : प्रशांत किशोर ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वो वहां की स्पेसेफिक (विशेष) घटना है. ये सही है या गलत, इस पर महाराष्ट्र के लोगों को निर्णय लेना है. बिहार को लेकर के प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव का कार्यकाल जंगलराज कहा जाता है. आज भी वही स्थिति है. क्योंकि अपराध चरम सीमा पर है. सरकार में बैठे लोग बिहार के लोगों की हक मारी कर रहे हैं. अब बिहार के लोग चुनाव के समय में जात-पात से ऊपर उठकर अपना मताधिकार का प्रयोग कर विकास करने वाले को चुनें.

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