समस्तीपुरः जिले की सड़कों पर पूरी तरह ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालात ऐसे हैं कि ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी चंद होमगार्ड जवानों के हवाले है. जो चौराहों पर अपनी ड्यूटी बजाते हैं. हालांकि जिला मुख्यालय की सड़कों पर एक-दो होमगार्ड जवान की तैनाती कर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति जरुर की जाती है. वहीं, ट्रैफिक को लेकर स्थानीय जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है.
बता दें कि समस्तीपुर में किसी भी वक्त सड़कों पर निकलने पर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. वहीं, एम्बुलेंस, स्कूल वाहन से लेकर आम वाहन सड़कों पर रेंगती नजर आती है. स्थानीय लोग कहते हैं कि जाम के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस पर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. लोगों के मुताबिक जाम के कारण स्कूली बच्चे और मरीजों को काफी कष्ट झेलना पड़ता है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट जगह-जगह पर है अवैध कब्जा
सड़को पर ट्रैफिक की बदहाली के पीछे पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी सामने आती है. सड़कों पर अवैध कब्जे के कारण जगह-जगह जाम की समस्या खड़ा होती है. मुख्य थाने का गेट हो या फिर जिलाधिकारी आवास का गेट, ऑटो, रिक्शा अवैध रुप से पार्क रहता है. वहीं सड़कों पर नियम-कानून की अनदेखी भी की जाती है. सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र चौधरी का कहना है कि पूर्व एसपी हरप्रीत कौर के समय में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ था. लेकिन अब फिर से लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
समस्तीपुर में जाम की समस्या ये भी पढ़ेंःबिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर पर बोले मांझी- पहले कभी नहीं देखी ऐसी स्थिति
मुख्य सड़कों पर गाड़ियों का काफिला
हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि मुख्यालय के सड़कों नियम-कानून को लोग फॉलो नहीं करते. जिसके कारण जाम की समस्या रहती है. वहीं, ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त तैनाती नहीं होने से भी ऐसी परस्थिति सामने आ रही है. शहर के भोला टॉकीज चौक, थानेश्वर मंदिर चौक, ओवरब्रिज क्रॉसिंग समेत सभी मुख्य सड़कों पर जाम का नजारा रहता है. इसके कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस सहित आम पब्लिक इस जाम में रोजाना फंसते हैं.