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पिछड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद, 'उन्नत भारत अभियान' के तहत गोद लिए जा रहे हैं गांव - change

कार्यक्रम को आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों के साथ मिलकर बनाया गया है. इसके तहत देश के 750 उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र गांवों को गोद ले रहे हैं. वे इन गोद लिए गांवों में कृषि, शिक्षा, सड़क से जुड़े जरूरतों को लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे.

बदहाल स्थिति में गांव

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Published : Apr 8, 2019, 1:31 PM IST

समस्तीपुर: ग्रामीण इलाकों की समस्या सुलझाने के लिए अब निजी स्तर पर भी पहल की जा रही है. इसी क्रम में आरएनआर कॉलेज ने केंद्र सरकार के मानव संसाधन विभाग के तरफ से चलाए जा रहे 'उन्नत भारत अभियान' के तहत जिले के पांच गांवों को गोद लिया है. यह कमिटी जल्द ही गांव में खेती, पानी, सड़क, शिक्षा आदि से जुड़ी जानकारी साझा करेगी.

जानकारी देते प्रिंसिपल

क्या है 'उन्नत भारत अभियान'
'उन्नत भारत अभियान' एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है. इस कार्यक्रम को आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों के साथ मिलकर बनाया गया है. इसके तहत देश के 750 उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र गांवों को गोद ले रहे हैं. वे इन गोद लिए गांवों में कृषि, शिक्षा, सड़क से जुड़े जरूरतों को लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसके बाद इन चयनित गांवों को विकास के मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. इसी कड़ी में समस्तीपुर जिले में आरएनआर कॉलेज ने वारिसनगर के पांच गांवों को गोद लिया है .

जमीनी हकीकत को बदलने के लिए हो रही कवायद
कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार इस 'उन्नत भारत योजना' के तहत जिले में गोद लिए गांव में जल संकट व सिचाई में इस्तेमाल होने वाले पानी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. साथ ही इन गांवों में शिक्षा के बाबत जमीनी स्तर पर सुधार करने की कोशिश की जाएगी.
गौरतलब है कि 70 फीसदी से ज्यादा आबादी गांवों में कृषि आधारित रोजगार से जुड़ी है. 'उन्नत भारत योजना' इसी बड़ी आबादी पर केंद्रित है.

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