समस्तीपुर: जिले के दलसिंह सराय अनुमंडल के रसकदम देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है. यहां हर दिन 25 से 30 किलो रसकदम बनाए जाते हैं. साथ ही यहां एडवांस बुकिंग भी की जाती है.
दलसिंह सराय की इस दुकान का 'रसकदम' हैं विदेशों में भी मशहूर, फ्लाइट से दुनियाभर में पहुंचती है मिठाई
दलसिंह सराय अनुमंडल के रहने वाले बुजुर्ग चमनलाल ने सन 1970 में रसकदम बनाने की शुरुआत की थी. इनके रसकदम जिले से लेकर बिहार तक में अपने स्वाद को लेकर जाना जाता है.
दलसिंह सराय अनुमंडल के रहने वाले बुजुर्ग चमनलाल ने सन 1970 में रसकदम बनाने की शुरुआत की थी. इनके रसकदम जिले से लेकर बिहार तक में अपने स्वाद को लेकर जाना जाता है. लेकिन अब इनके हाथों के बने हुए रसकदम देश ही नहीं विदेशों में भी बिकने लगी हैं. बता दें कि चमनलाल के रसकदम लेने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं.
एडवांस में होती है बुकिंग
वहीं, चमनलाल के यहां अक्सर लोग एडवांस बुकिंग करा जाते हैं. इस कारण कई बार ग्राहकों को खाली हाथ लौटना पड़ता है. इतना ही नहीं विदेशों से भी यहां ऑर्डर आता है और यहां से पार्सल के जरिये रसकदम बाहर भेजा जाता है.