समस्तीपुर: लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है. साथ ही धरना-प्रदर्शन की जगह के भी खास मायने रहे हैं. जिला मुख्यालय की बात की जाए तो यहां बीते कई वर्षो से , मुख्य सड़क के किनारे और समाहरणालय के करीब सरकारी बस स्टैंड धरना स्पॉट रहा है. लेकिन अब प्रशासन ने इस जगह पर धरना प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है.
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प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
धरना स्थल बदले जाने के कारण आंदोलनकारी लगातार प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल अब पुराना पोस्टमॉर्टम रोड स्थित अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय कैम्पस को धरना स्थल चिन्हित किया गया है. इस नयी जगह को लेकर विभिन्न आंदोलनकारी गोलबंद होने लगे हैं.
स्मारक स्थल को धरना स्थल बनाने की मांग
विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है. आवारा पशुओं और गंदगी के बीच मुख्य जगहों से एकदम अलग धरना स्थल बना दिया गया है. इन लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन, कर्पूरी स्थल या फिर अंबेडकर स्मारक स्थल को धरना स्पॉट बनाये. साथ ही आंदोलनकारियों ने यह भी एलान किया कि , जिले में इन दोनों धरना स्थल को लेकर मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन शुरू करने की तैयारी हो रही है.
जानिये क्यों है नाराजगी
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय में दशकों पहले कर्पूरी स्मारक, धरना स्थल था. वहीं स्मारक पार्क के सौंदर्यीकरण का काम होने के दौरान यहां धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दिया गया. जिसके बाद से सरकारी बस स्टैंड, आंदोलनकारियों की जगह बन गयी थी. वहीं अब नए निर्देशों के बाद , मुख्य सड़क से एकदम अलग अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय के खाली जगह को धरना स्थल बनाया गया है.