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विकास की बाट जोह रहे कुष्ट कॉलोनी के निवासी, दशकों में नहीं सुधरी बदतर हालत

शहर की गोद में बसा कुष्ट कॉलोनी आज भी स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहा है. 1999 से यहां कई लोग सरकारी जमीन पर रैन बसेरा बना कर जीवन यापन कर रहे हैं.

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Published : Apr 17, 2019, 1:03 PM IST

बदहाल स्थिति में कुष्ट कॉलोनी

समस्तीपुर:लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार तेज हो गया है. नेताओं की गाड़ी इस मौसम में एक बार फिर गांव की गलियों की ओर जानी शुरू हो गई है. सभी जाकर जनता से विकास का वादा कर रहे हैं. सालों से समस्तीपुर की कुष्ट कॉलोनी इन्हीं वादों का शिकार है.
शहर के गोद में बसा यह इलाका आज तक अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है. इनका मानना है कि हर बार मतदान करना व्यर्थ जा रहा है. आजादी के सात दशकों में कॉलोनी की सूरत सुधरने के बजाए और बिगड़ गई है.

प्रमाणपत्र दिखाते गांववासी

स्वच्छ भारत कहां है?
हाथों में वोटर कार्ड लिए ये मतदाता कहते हैं कि 1999 से सरकारी जमीन पर रैन बसेरा बना कर अपने और अपने बाल-बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं. एक तरफ स्वच्छ भारत और सुंदर भारत बनाने को लेकर विधायक, सांसद, जिला प्रशासन घर-घर शौचालय, उज्जवला योजना, गांव की गलियों को साफ-सफाई कर स्वच्छ भारत लिस्ट में नाम जुड़वाने में लगे हुए हैं. लेकिन, शहर की गोद में बसा कुष्ट कॉलोनी आज भी स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहा है.

निवासियों का बयान

इनका हाल बेहाल
यहां रह रहे डेढ़ सौ परिवारों की सुध ना तो सरकार के नुमाइंदे ले रहे हैं और ना ही इनसे वोट लेने वाले नेताओं को इनके हाल की खबर है. इस तरह नजरअंदाज किए जाने के कारण ये लोग विकास से कोसों दूर चले गए हैं. जब देश 21वीं सदी की ओर बढ़ रहा है, लोग चांद पर बसने का ख्वाब देख रहे हैं ऐसे में इस गांव के परिवार की टूटी-फूटी झोपड़ी और प्लास्टिक की आड़ में गुजर-बसर करना अपने आप में दहला देने वाला है.

मतदाता नेताओं से सवाल-जवाब को हैं तैयार
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण यानी 29 अप्रैल को समस्तीपुर में मतदान होना है. अपनी दुर्दशा के मद्देनजर इस बार कुष्ट कॉलोनी के लोगों ने मतदान नहीं करने का मन बनाया है. जिला वासियों का कहना है कि इस बार जो भी नेता वोट मांगने आएगा, ये लोग उनके सामने सवालों की झड़ी लगाकर उनकी खबर लेंगे.

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