समस्तीपुरः किसानों पर प्रकृति का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. पहले ही कोरोना संकट से हाल बेहाल है. वहीं खेतों में लगे धान के फसल पर प्रकृति का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा. भारी बारिश व बाढ़ से पहले ही कई हजार एकड़ में लगे धान का फसल बर्बाद हो चुका है. वहीं अब बीते चौबीस घंटे से पानी के साथ चल रहे तेज हवा का प्रकोप भी धान के फसल पर सितम ढाने लगा है.
अन्नदाताओं के ऊपर प्रकृति का मार, फसल को भारी बारिश और बाढ़ ने किया बर्बाद
पहले ही समस्तीपुर जिले के बहुत से हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई हजार एकड़ का फसल बर्बाद हो चुका है. वहीं जो बची हुई फसल है उस पर भी अब आंधी ने कहर बरपाया है. बीते 24 घंटे से जिले के लगभग सभी हिस्सों में पानी व तेज हवा के कारण धान की बालियां लगी फसल खेत में गिर गए हैं. जिससे किसान काफी परेशान हैं.
किसानों पर प्रकृति का कहर
जिले के कई हिस्सों में धान का फसल खेतो में गिर गए है. चिंता का विषय यह है कि धान में अब बालियां आ चुकी है, जो खेत में जमे पानी में सर सकते हैं. वहीं जिस खेत में पानी नहीं जमा. वहां चूहे आदि से फसल बर्बाद होने का डर है. बहरहाल खेतों का हाल देख किसान खासे परेशान है.
खेतों का हाल देख किसान परेशान
वैसे पहले भारी बारिश व बाढ़ से खराब हो चुके धान और अब तेज हवा से बचे फसलों को लेकर चिंता लाजमी है. वहीं चिंता इस बात का भी है कि आखिर इन बेबस किसानों का क्या होगा. वैसे जिला कृषि विभाग के वरीय अधिकारी ने धान के फसल पर मौसम के इस सितम को देखते हुए, किसानों को यथासंभव सरकारी मदद का भरोसा दे रहे हैं.