समस्तीपुर:पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर लगायी गयी रोक को हटा दिया है. इसके साथ ही इसपर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर बड़ा हमला किया है.
'32 साल से लालू-नीतीश मुख्यमंत्री हैं..जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई.. इसका कानूनी आधार क्या है?'- PK
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से जातीय जनगणना को लेकर बड़ा सवाल किया है. उन्होंने कहा कि दोनों से पूछना चाहिए कि आखिर इसका कानूनी आधार क्या है? पढ़ें पूरी खबर..
बोले PK- 'लालू-नीतीश ने क्यों नहीं करवाई जातीय गणना?': प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 32 सालों से लालू-नीतीश मुख्यमंत्री हैं. उस समय उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई? अगर ये राज्य का मामला था तो पहले क्यों नहीं करवाया गया? सच्चाई तो यह है कि वो जातीय जनगणना है ही नहीं वो तो सर्वे है. इनको तो बस जातियों की राजनीति करनी है, ताकि सारा समाज बंटा रहे.
"सारा समाज अशिक्षित और अनपढ़ बना रहे, तभी तो 9वीं फेल को आज लोग उपमुख्यमंत्री मानेंगे. बिहार के लोगों को समझने की जरूरत है कि अगर गरीब के बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो कौन इन अनपढ़ों को नेता मानेगा? बिहार की जनता खुद सोच कर देखें कि नीतीश कुमार इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं इसके बाद भी उन्होंने आज तक जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई?" - प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'जातीय जनगणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं':प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आज ये आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए सर्वे करवा रहे हैं. जातीय जनगणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है. इन नेताओं को कोई जातीय जनगणना नहीं करवाना है. RJD की सरकार थी, लालू यादव खुद 15 साल सरकार में थे, जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाया? सच्चाई तो यह है कि चुनाव आने वाला है और कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है तो बाप-बाप कर रहे हैं. आज ये समाज को बांटने का काम कर रहे हैं इसके अलावा इनकी कोई मंशा नहीं है.