सहरसा:बिहार के सहरसा में शिक्षक-शिक्षिका संगीत के धुन पर ककहरा सिखा रहे हैं. बच्चे खेलकूद छोड़कर पढ़ाई करने में मग्न हैं. कहते हैं कि बचपन में अगर आपने पढ़ाई सही से नहीं की तो आगे चलकर वो अपना असर जरूर दिखाता है. इसलिए बच्चों के माता-पिता और शिक्षक छात्रों को बेस मजबूत करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. परिजन से लेकर स्कूल टीचर तक उन्हें पढ़ाने के लिए कोई न कोई अनोखा तरीका ढूंढ ही लेते हैं. आपको याद होगा कि बचपन में पहाड़ा याद रखने के लिए आपने भी कभी न कभी गा कर ही उसे सीखा होगा. कुछ इसी के तर्ज पर नवहट्टा प्रखंड अंतर्गत नव प्राथमिक विद्यालय बेला बथान और नव प्रथमिक विद्यालय गढ़िया के शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं.
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इस तरह बच्चों को पढ़ने में आता है आनंद : शिक्षक अरुण कुमार ने बताया कि बच्चों को नाच-गाकर ही बैसिक अक्षर एंव संख्या का ज्ञान दे रहे हैं. इस प्रकार से शिक्षा देने पर बच्चे बड़ी आसानी से अक्षरों को पहचान लेते हैं. गीत के माध्यम से पूरी मात्रा सहित अंग्रेजी के अल्फाबेट सहित अन्य संख्यात्मक ज्ञान भी हो जाता है. शिक्षक ने बताया कि इस प्रकार बच्चों को पढ़ने में बड़ा ही आनंद आता है. साथ ही बच्चों को भी इस प्रकार शिक्षा लेने में आसानी रहती है. जल्द ही इन लोगों को बेसिक ज्ञान भी मिल जाता है.