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सासाराम नगर परिषद ने दोहराया घोटाले का इतिहास, फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले 48 लाख

सासाराम नगर परिषद के वार्ड नंबर 11 में छह योजनाओं के तहत 48 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई है. डीएम ने इस मामले में दोषी पर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.

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Published : Aug 31, 2020, 10:29 PM IST

Sasaram Municipal Council
Sasaram Municipal Council

रोहतास: जिला मुख्यालय सासाराम के नगर परिषद में घोटालों का इतिहास काफी पुराना रहा है. इस कारण सासाराम नगर परिषद की हमेशा किरकिरी होती रहती है. नगर परिषद के वार्ड नंबर 11 में बिना काम किए ही 7 योजनाओं के तहत फर्जी हस्ताक्षर कर लगभग 48 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है.

सासाराम नगर परिषद में घोटाला

क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार नगर परिषद सासाराम के मुख्य पार्षद तत्कालीन एईओ और जेई की मिलीभगत राशि की निकासी की गई. इस दौरान बुडको के कार्यपालक अभियंता का फर्जी हस्ताक्षर किया गया. इस पूरे मामले में नगर परिषद को जब भनक लगी, तो नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता अभिषेक आनंद ने मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान कई चौंकाने वाले रिपोर्ट सामने आए. इसके बाद वार्ड नंबर 11 में मौके पर पहुंचकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने स्थानीय लोगों से जानकारी ली, जिसके बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ गई.

गौरतलब है कि सासाराम नगर परिषद के मुख्य पार्षद कंचन देवी, तत्कालीन ईओ कुमारी हिमानी और जेई अरुण कुमार को इस पूरे मामले का नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इन तीनों की मिलीभगत से ही फर्जी हस्ताक्षर कर 48 लाख रुपए के योजना राशि की निकासी कर ली गई है.

देखें रिपोर्ट

एफआईआर दर्ज करने का आदेश
इस पूरे मामले के संज्ञान में आने के बाद नगर परिषद से लेकर डीएम कार्यालय तक हड़कंप मच गया. आनन-फानन में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी पंकज दीक्षित को सौंप दी, जिसके बाद रोहतास जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने रिपोर्ट के आधार पर तीनों के खिलाफ नगर थाने में एफआइआर दर्ज करने का आदेश दे दिया. वहीं, तत्कालिक ईओ कुमारी हिमानी पर गबन के कई आरोप लगे हैं.

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