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नक्सल प्रभावित इलाके की यह बेटी बनी दारोगा, अब हवलदार पिता करेंगे सैल्यूट

बिहार की बेटियां हर क्षेत्र में अपने कामयाबी का परचम लहरा रही हैं. इसी कड़ी में अब नाम जुड़ गया है लवली सिंह का. महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते हुए नक्सली इलाके की इस बेटी ने दारोगा बन कर गांव ही नहीं पूरे जिले का नाम रोशन किया है.

खुशी मनाते लवली के माता-पिता

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Published : Mar 16, 2019, 6:03 PM IST

सासाराम: जिले के नक्सल प्रभावित तिलौथू इलाके के रेडिया गांव की एक बेटी ने विषम परिस्थितियों में सफलता के परचम लहराए हैं. लवली सिंह का चयन बिहार पुलिस में दरोगा के पद पर हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि उसके पिता खुद एक हवलदार है. हवलदार की बेटी के दरोगा बनने पर गांव में भी खुशी की लहर है.

वर्दी से लगाव ने किया दारोगा बनने के लिए प्रेरित
हाउसवाइफ मां और बीएमपी में हवलदार पिता की बेटी लवली ने तिलौथू हाई स्कूल से पढ़ाई और स्नातक की डिग्री हासिल की. पारिवारिक माहौल के कारण हमेशा से ही उसे वर्दी से लगाव था, और इसीलिए पुलिस में जाने का मन बना कर तैयारी में जुट गई.

पुलिस में बड़ा अधिकारी बनने की है तमन्ना
लवली यहीं तक नहीं रुकी है. उसने बीपीएससी की पीटी भी क्वालीफाई कर ली है,और पुलिस में बड़ा अधिकारी बनने की तमन्ना रखती है. इसके लिए वह आगे की तैयारी कर रही है. नक्सल प्रभावित इलाके की है बेटी होने के बावजूद लवली का जज्बा काबिले तारीफ है.

नवनियुक्त दारोगा लवली का बयान

माता पिता को जाता है कामयाबी का श्रेय
हरफनमौला लवली पढ़ाई के साथ साथ खो -खो की अच्छी प्लेयर है. वह अच्छा गाना भी गाती है. वह कहती है कि जो मुकाम उसने पाया है, वह सेल्फ स्टडी के बल पर पाया है. उसने कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता को दिया है.

पूरे गांव को है लवली पर गर्व
लवली की सफलता उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रह कर आगे बढ़ना चाहती हैं. बिहार पुलिस की दरोगा बनी लवली पर पूरे गांव के लोगों को गर्व है.

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