रोहतास:बिहार का सबसे बड़ा पर्व कहे जाने वाले छठ की नहाय-खाय के साथ शुरुआत हो गई है. 4 दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान का समापन 3 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर होगा. इस महापावन त्योहार को लेकर जिला समेत पूरे प्रदेश में तैयारियां अंतिम चरण पर हैं. जिले के सोन नदी तट पर जिला प्रशासन ने लगभग आधा दर्जन छठ घाटों को बैन कर दिया है. जिससे जिलावासी हतप्रभ और परेशान हैं. ऐसे में छठ व्रतियों नें जिला प्रशासन से कोई अन्य वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिए गुहार लगाई है.
छठ घाट को सजाने के लिए लाया गया सामान छठ व्रतियों ने जिला प्रशासन से लगाई गुहार
दरअसल, इंद्रपुरी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद सोन नदी का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एहतियातन इन सभी घाटों को खतरनाक घाट बताते हुए बैन कर दिया है. ऐसे में इन घाटों पर छठ पर पूजा की तैयारी कर चुके पूजा समिति के लोगों का कहना है कि इस छठ घाट पर दूर-दूर से व्रती भगवान भास्कर की आराधना करने के लिए जुटती है. इसलिए जिला प्रशासन इस मामले में कोई अन्य वै कल्पिक मार्ग निकाले.
सोन नदी के आधा दर्जन छठ घाट बैन 'घाट की तैयारी को लेकर लाखों रुपये हो चुके हैं खर्च'
इस मामले पर श्री राम सेवा समिति के सदस्य विक्की और छोटू बताते है कि इन छठ घाटों पर वह खुद से मेहनत और लाखों रुपए खर्च कर पीपा पुल और रास्ते में लाइट डेकोरेशन लगाते हैं. जिला प्रशासन ने अचानक इन घाटों के बैन कर दिया. ऐसे में उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया. यहां पर लाखों की संख्या में व्रती आती है. वे सभी कहां पर छठ करेंगी. इसलिए हमलोग जिला प्रशासन से अपील करते है कि वे किसी अन्य वै कल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करें. जिससे लाखों छठ व्रतियों की मुश्किलों का समाधान हो सकें.
छठ घाट को सजाने के लिए लाया गया सामान ये सभी घाट हैं बैन
- सुधा डेयरी
- घाटटाल बांस घाट
- इमलिया घाट
- एनीकट घाट
इन सभी घाटों के अलावे एसपी आवास के पास पड़ने वाले 2 अन्य छठ घाठ को भी खतरनाक घाट मानते हुए जिला प्रशासन ने बैन कर दिया है. इस संबंघ में जिले के डीएम ने लोगों को आस्था के इस महापर्व में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अन्य घाटो पर जाने की अपील की है.