रोहतास:बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार और उनके मंत्री बड़े-बड़े दावे तो करते हैं, लेकिन जब आप उसकी हकीकत देखेंगे तो वाकई हैरान हो जाएंगे. या यूं कहें कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर सरकार और उनके कारिंदे जिस तरह से दावे करते हैं, जमीनी स्तर पर वह दावे खोखले (Poor Health System in Rohtas) दिखाई देते हैं. इसकी बानगी रोहतास जिले के सासाराम का सदर अस्पताल (Sasaram Sadar Hospital) में देखने को मिली. जहां झुलसे हालत में एक पति अपनी झुलसी पत्नी को इलाज के लिए सदर अस्पताल सासाराम के ओपीडी से ट्रामा सेंटर तक गोद में लेकर दौड़ लगाते देखा गया.
ये भी पढ़ें-देख लीजिए CM साहब.. ये है नालंदा की हालत! मौत के बाद भी नहीं मिली एम्बुलेंस, परिजन ठेले पर ले गए शव
इलाज के लिए भटकते रहे झुलसे दंपती: दरअसल, सासाराम के चौखण्डी के रहने वाले सत्येन्द्र राणा नाम का युवक पत्नी रिंकल देवी को आग से बचाने गया, जहां वो भी आग की लपटों में झुलस गया. इस दौरान झुलसी पत्नी को गंभीर हालत में उसके पति ने खुद गोद में लेकर सदर अस्पताल सासाराम के ओपीडी से लेकर ट्रामा सेंटर तक इलाज के लिए दौड़ लगाता रहा लेकिन इस दौरान उसे स्ट्रेचर तक नहीं (Negligence of Health Department in Rohtas) मिला.