बिहार

bihar

ETV Bharat / state

रोहतास: इधर बहन की डोली उठी, उधर भाई की अर्थी - बहन की डोली

जिले के करगहर पंखड से एक दिल हृदय विदारक घटना सामने आयी है. एक परिवार में शादी का माहौल मातम में तब्दील हो गया. एक तरफ बहन की डोली उठी तो दूसरी तरफ भाई की अर्थी. जिसको लेकर पूरा गांव शोकाकुल है.

रोहतास
रोहतास

By

Published : Jun 30, 2020, 11:57 AM IST

रोहतास:जिले के करगहर प्रखंड के धनेज गांव में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. जहां घर से बेटी की डोली रुख्सत करने के बाद फौरन अर्थी भी निकालनी पड़ी.

बहन की विदाई के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया भाई

शादी के लाल जोड़े में घर से हंसी-खुशी से ससुराल विदा हुई एकलौती बहन सविता को क्या पता था, जिस भाई ने धूमधाम से उसकी शादी कराई. वही भाई बहन की डोली निकलने के बाद उसी दिन हमेशा-हमेशा के लिए उसे अलविदा कह देगा. पूरा मामला करगहर थाना क्षेत्र के धनेज गांव की है. जहां मुन्नी बैठा के पच्चीस वर्षीय पुत्र इंजीनियर ओमप्रकाश बैठा अपनी बहन की शादी में विदाई करने के बाद खुद दुनिया को ही अलविदा कह दिया.

शोकाकुल अवस्था में गांव के लोग

खुशी की आंसू गमों में हुई तब्दील

दरअसल, ओमप्रकाश अपनी प्यारी एकलौती बहन सविता की शादी धूमधाम से करने के लिए महाराष्ट्र के औरंगाबाद से छुट्टी लेकर अपने गांव धनेज आया था. बहन की शादी 28 जून को तय किया गया. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के एक गांव से बारात बिहार में धनेज गांव पहुंची. शादी की रस्म पूरी होने के बाद बेटी को उसके ससुराल विदा कर दिया गया. विदाई के वक्त भाई-बहन ने एक-दूसरे को गले लगाकर खूब रोया. लेकिन किसी को क्या पता था कि ये खुशी की आंसू कुछ ही घंटों में गमों के आंसू में बदलने वाला है.

करगहर थाना

डायलिसिस की शिकायत की जताई जा रही संभावना

बहन की विदाई के बाद इंजीनियर भाई की तबीयत अचानक खराब हो गई. धीर-धीरे शरीर भी फुलने लगा. आनन-फानन में परिवार वाले इलाज के लिए वाराणसी ले जा रहे थे. लेकिन अचानक रास्ते में दुर्गावती नदी के समीप इंजीनियर ओम प्रकाश की मौत हो गई. बताया जाता है कि ओम प्रकाश का डायलिसिस हो रहा था. वह इलाज भी करा चुका था. इलाज से पूरी तरह ठीक भी हो गया था.

परिवार पर टूटा पहाड़

इस घटना के बाद परिवार पर पहाड़ सा टूट पड़ा है. आज से चार माह पहले उसके पिता मुन्नी बैठा लकवा से ग्रसित हो गए थे. तब से पिता के लकवा का दवा चल रहा था. एक विपत्ति झेल ही रहे थे कि दूसरा संकट आ टूट पड़ा. शादी से तीन रोज पहले बड़े भाई के गिरने से पैर टूट गया था. बाप और बड़े भाई को अस्वस्थ होने के कारण शादी की पूरी जिम्मेदारी इंजीनियर ओमप्रकाश के कंधों पर ही थी. ओम प्रकाश की शादी एक साल पहले तोरी भगवानपुर गांव में हुई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details