रोहतास: बिहार के रोहतास में तीसरे दिन भी 9 सूत्री मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का हड़ताल अब उग्र होता जा रहा है. ऐसे में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करती आशा कार्यकर्ताओं ने डेहरी स्थित अनुमंडलीय अस्पताल की सभी सेवाओं को ठप्प कर दिया है. वो अनुमंडलीय अस्पताल के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गई और आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के अंदर जाने से रोक रखा है.
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आशा कार्यकर्ताओं और मरीज के परिजनों में नोकझोंक: आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से अस्पताल में खासकर दूरदराज से आने वाले मरीज और उनके परिजन काफी परेशान हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर के गेट पर भी आशा कार्यकर्ताओं का एक समूह दरवाजा बंद कर किसी भी मरीज को आने जाने से रोकने लगा है. जिसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं और मरीज के परिजनों में तीखी नोकझोंक हुई. वहीं नोकझोंक के बाद मरीज बिना इलाज कराए ही अपने घरों को लौट गए.
मरीजों की बढ़ी परेशानी: दूरदराज से आए मरीजों का कहना था कि आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण अस्पताल में मरीजों का इलाज हो पाना मुश्किल हो गया है. तिलौथू निवासी धर्मेंद्र तकरीबन 18 किलोमीटर का फासला तय कर उमस भरी गर्मी में अपना इलाज कराने अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे थे. हालांकि आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण वह अपनी एमआरआई रिपोर्ट हड्डी रोग विशेषज्ञ को नहीं दिखा पाए.
घर वापस लौट रहे मरीज:वहीं रामारानी चौक से इलाज कराने अस्पताल पहुंची अंजू देवी ने बताया कि वह बीमार है और इलाज कराने अनुमंडलीय अस्पताल पहुंची थी. यहां सारी सेवाएं ठप्प होने के कारण वह अपना इलाज नहीं करा पाई हैं. वहीं पाली गांव से अपनी मां का इलाज कराने पहुंचे दुर्गेश ने बताया कि अस्पताल बंद होने के कारण वह अपनी मां का इलाज नहीं करा पाए. जिस कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है.
"मैं अपने गांव से 18 किलोमीटर का फासला तय कर इस जानलेवा उमस भरी गर्मी में अपना इलाज कराने अनुमंडलीय अस्पताल आया था. हालांकि आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण मैं एमआरआई रिपोर्ट हड्डी रोग विशेषज्ञ को नहीं दिखा पाया हूं. अब वापस अपने घर लौट रहा हूं."- धर्मेंद्र कुमार, मरीज
रजिस्ट्रेशन काउंटर को किया बंद: आशा कार्यकर्ता रजिस्ट्रेशन काउंटर के दरवाजे पर बैठकर किसी भी कर्मी को बाहर नहीं आने दे रही हैं. वो रजिस्ट्रेशन के लिए पुर्जा भी काटने नहीं दे रही है. जिस कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. वहीं हड़ताल का नेतृत्व कर रही आशा फैसिलिटेटर प्रमिला देवी ने बताया कि जब तक उनकी मांगों को सरकार पूरा करने का आश्वासन नहीं दे देती है, तब तक वह लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटी रहेंगी.
"सरकार की ओर से जब तक हमारी 9 सूत्री मांगों को लेकर आश्वासन नहीं मिला जाता है, हम लोग इसी तरह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे और अस्पताल में कोई भी कार्य नहीं होने देंगे."-प्रमिला देवी, आशा फैसिलेटर