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पूर्णिया में सिविल सर्जन पर घोटाले का आरोप, रिश्तेदारों के नाम से कंपनी बनाकर खरीदी दवा, जांच के आदेश

पूर्णिया सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है. सीएस ने सदर अस्पताल (Purnia Sadar Hospital) को चूना लगाते हुए रिश्तेदारों के नाम कंपनी बनाकर उससे दवा व उपस्कर की खरीददारी की है. फिलहाल मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Sep 26, 2022, 10:57 PM IST

पूर्णिया:बिहार के पूर्णिया सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा (Purnia Civil Surgeon Dr SK Verma) सरकारी पद का दुरुपयोग करने से जुड़े एक गंभीर मामले में घिरते दिखाई दे रहे हैं. एक कहावत है कि 'सैंया भए कोतल, अब डर काहे का', इसी तर्ज पर सीएस ने न सिर्फ अपने बेटे, बहु बल्कि कई अन्य करीबी रिश्तेदारों के नाम पर कंपनी बनाकर सदर अस्पताल (Purnea Sadar Hospital) के दवा की खरीददारी नियमों को ताक पर रखकर की है.

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गंभीर मामले में घिरते दिख रहे सीएस: दरअसल इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पूर्णिया प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ (Purnia Divisional Commissioner Gorakhnath) ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, उसने सरकारी महकमे में हड़कंप मचा दिया. जांच में यह बात सामने आई है की दो वर्षों से सीएस के रूप में काम करते हुए एसके वर्मा ने कई निविदा अपने रिश्तेदारों के नाम की कंपनी से की.

सीएस पर पद का दुरुपयोग का आरोप: सीएस ने कंपनी के नाम से न केवल निविदा गिरवाया बल्कि, उस निविदा को स्वीकृत कर उससे खरीददारी भी की. जिस तरह से नियमों को ताक पर रखकर खरीददारी की गयी है, उसे देखकर पूर्णिया आयुक्त भी दंग रह गए. इसके बाद आयुक्त ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर इस मामले में पूर्णिया के जिलाधिकारी से तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है. जांच में खुलासा हुआ की क्लोरिस नामक कंपनी जिसका अनुबंध सीएस के पुत्र के नाम से दिया गया है.

आयुक्त के निरीक्षण के दौरान उजागर हुआ मामला: निरीक्षण के दौरान यह बात भी सामने आई की सीएस ने नियमों को ताक पर रखकर अपने बेटे बहूं और पत्नी के अलावा कई रिश्तेदारों के नाम से दवा की खरीददारी की. जांच में पर्दाफाश हुआ कि बाढ़ के दौरान लाइमन पाउडर और हेलोजन टैबलेट की बड़ी खेप सीएस द्वारा खरीदी गयी. इसके लिए तीन निविदा दाताओं ने निविदा डाली. इसमें क्लोरिस डाटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दूसरी कंपनी अमराग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और तीसरा निविदादाता प्रीति इंटर प्राइजेज ने डाला था.

''क्रय की संचिका में वित्तीय नियम का अनुपालन नहीं किया गया है. इसी जांच के क्रम में मैने बाइक एंबुलेंस के क्रय की संचिका में गड़बड़ी देखी. मैने पूछा ये अमन कौन है. पता चला कि सिविल सर्जन का बेटा है. इसकी जांच के लिए हमने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर एक सम्यक जांच के लिए आदेश पारित किया है''- गोरखनाथ, प्रमंडलीय आयुक्त, पूर्णिया

रिश्तेदार के कंपनी से खरीदी दवा: सबसे हैरत की बात यह है की यह तीनों ही कंपनी सीएम के परिजनों और रिश्तेदारों के नाम से है. दिखावे के लिए तीन निविदा डालकर प्रीति इंटर प्राइजेज के नाम से निविदा स्वीकृत कर ली गयी. इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई की क्लोरिस इंटर प्राइजेज उपकरण की आपूर्ति करने वाली एजेंसी है, लेकिन उसने दवा की निविदा में भी भाग लिया. अमरग कंपनी सीएस बनने के बाद अपने बेटे के नाम से बनाई.

अमन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड सिविल सर्जन एसके वर्मा ने पूर्णिया सीएस का पदभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही बनाया. इस कंपनी का निर्माण 22 मई 2021 को सीएस ने अपने बेटे के नाम से बनाया. इस कंपनी के बनाने को लेकर जो पता दिया गया है. वह है कमरा नंबर तीन अस्पताल रोड पूर्णिया है. इस कपंनी के प्रोपराइटर अमन वर्मा और रागिनी वर्मा है. इस कंपनी को उद्योग विभाग द्वारा जो पहचान संख्या उपलब्ध कराई गयी वह यू 85100 बीआर 2021 पीटीसी 052131 है.

आयुक्त ने दिए जांच के आदेश: आयुक्त की जांच में खुलासा हुआ है की वितीय वर्ष 2021-22 नीति आयोग आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संबंधी मशीन उपकरण एवं उपस्कर की आपूर्ति के लिए निविदा निकाली गयी. इसके तहत मोबाइल, बाइक, एम्बुलेंस एवं उसके साथ ट्राली का क्रय किया जाना था. ट्राली की खरीददारी क्लोरिस डाटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. इसके प्राधिकृत संवेदक अमन वर्मा हैं, जो रिश्ते में सिविल सर्जन एसके वर्मा के बेटे हैं.

सीएस के बेटे के नाम से है कंपनी: सबसे हैरत की बात यह है की इसमें दो लोगों ने ही निविदा डाली लेकिन इसमें से सीएस ने अपने बेटे की कंपनी के नाम निविदा को स्वीकृत करने हुए आपूर्ति आदेश दे दिया. फिलहाल सरकारी पद के दुरुपयोग से जुड़े इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मची है.

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