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पूर्णिया: 3 साल से वेतन नहीं मिलने पर अन्य कर्मियों के साथ धरने पर बैठी गर्भवती शिक्षिका - राज्य सरकार

तीन सालों से वेतन भुगतान नहीं किए जाने से पीयू के सभी कर्मी तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल व अनशन पर डटे हैं. इस हड़ताल में पुरुषों के साथ ही ऐसी महिलाकर्मी भी शामिल हैं. जिन्हें बीते तीन सालों में वेतन की एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.

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Published : Jun 21, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 12:38 PM IST

पूर्णियाः सीमांचल के ऑक्सफोर्ड की संज्ञा दिए जा रहे पूर्णिया विश्वविद्यालय से विवि प्रशासन का उदासीन रवैया सामने आया है. यहां बीते 3 सालों से वेतन भुगतान नहीं किए जाने से नाराज गर्भवती शिक्षिका धरने पर बैठी हैं. बावजूद इसके अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षिका से मिलने तक नहीं आया.

विवि प्रशासन का अमानवीय चेहरा आया सामने
हालांकि गर्भवती महिला के सब्र का बांध शनिवार को टूट गया और वे धरना स्थल पर फूट-फूटकर रोने लगी. वहीं, इस मामले ने अब पूरी तरह तूल पकड़ लिया है. ईटीवी भारत की सूचना पर संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार में गन्ना मंत्री बीमा भारती ने गर्भवती महिला की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पीयू के सभी कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
दरअसल तीन सालों से वेतन भुगतान नहीं किए जाने से पीयू के सभी कर्मी तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल व अनशन पर डटे हैं. इस हड़ताल में पुरुषों के साथ ही ऐसी महिलाकर्मी भी शामिल हैं. जिन्हें बीते तीन सालों में वेतन की एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली. धूप, बारिश और उमस के बावजूद सभी हड़ताल और अनशन पर डटे हैं.

जब फूट-फूटकर रोने लगी धरने पर बैठी गर्भवती शिक्षिका
ऐसे ही कर्मियों में शामिल हैं पीयू की महिला स्टाफ छाया कुमारी, जो गर्भवती हैं. इन सब के बावजूद शिक्षिका उस वक्त फूट-फूटकर रोने लगी, जब लाख कोशिशों के बाद भी उसे वेतन भुगतान का रास्ता विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से साफ होता नजर नहीं आया. ईटीवी भारत से बातचीत में महिला शिक्षिका कहती हैं कि 3 सालों तक वेतन भुगतान की आस में वे बाकी शिक्षक और कर्मियों की तरह बहाल किए गए कॉलेज में पढ़ाती रहीं.

दो दफे की वीसी से मिलने की कोशिश, हाथ लगी निराशा
छाया बताती हैं कि इसके बाद भी वे निराशा की बजाए दोबारा पीयू वीसी से मिलने उनके दफ्तर तक पहुंची. मगर दूसरी बार भी व्यस्तता का हवाला देकर इन्हें वीसी से मिलने से रोक लिया गया. जिसके बाद आर्थिक समस्याओं के कारण गर्भ से होने के बावजूद मजबूरन उन्हें धरने पर बैठना पड़ा. वहीं, छाया कुमारी ने कहा कि कभी कड़ी धूप, भारी बारिश और कभी तेज उमस के बीच भी वे इस इंतजार में धरना स्थल आती रही.

Last Updated : Jun 21, 2020, 12:38 PM IST

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