पूर्णिया:बिहार के 12 जिलों में इन दिनों भीषण जल प्रलय से त्राहिमाम-त्राहिमाम मची हुई है. वहीं, दूसरी ओर इस बाबत जब प्रशासनिक अधिकारियों से बात की जाती है, तो वो कैमरे से भागते हुए दिखाई देते हैं. ऐसे में ग्राउंड जीरो पर हमारे कैमरे में कई अधिकारी कैद हुए, जिन्होंने जवाब ना देते हुए भागना उचित समझा.
मामला पूर्णिया के इटहरी ग्राम, रमजानी ग्राम, अभय रामचकला ग्राम, विनोबा ग्राम, लादूगढ़, रामपुर, लतराहा और दरहरा गांव से जुड़ा हुआ है. लगभग पांच हजार की अबादी वाले ये गांव जेसीबी नहर के तटबंध के टूट जाने से प्रभावित हो गए हैं. तटबंध टूटने और गांवों में आई बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे अधिकारियों से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात की, तो वो पहले स्थिति के बारे में बताने लगे. इसके बाद जब उनसे लोगों की हो रही समस्या के बारे में पूछा गया. वो कैमरे से भागते नजर आए. जानकारी के मुताबिक ये प्रशासनिक अधिकारी जल संसाधन और नहर प्रबंधन के एसडीओ थे.
बाढ़ की त्रासदी
कई दर्जन घरों में पानी प्रवेश कर गया है. खेत, सड़क और बिजली के खंभे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जल संसाधन विभाग की मानें तो नेपाल द्वारा 1700 क्यूसेक से अधिक पानी जेसीबी नहर में छोड़े जाने से ऐसी स्थिति बनी है. इधर ग्रामीणों का कहना है कि सीमावर्ती नेपाल द्वारा जेसीबी नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने से रामजनी गांव के पास का बांध टूट गया. इसके क्षतिग्रस्त होने की सूचना विभाग को पूर्व में ही दी जा चुकी थी.