पूर्णिया में वकीलों ने किया प्रदर्शन पूर्णिया:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शुक्रवार को समाधान यात्रा के तहत पूर्णिया में थे. सीएम की समाधान यात्रा को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन ने समाहरणालय परिसर में प्रवेश करने वाले सारे प्रवेश द्वार बंद कर रखे थे. हालांकि प्रशासन को इस सख्ती का खामियाजा अधिवक्ताओं को उठाना पड़ा. उन्हें भी गेट के अंदर आने से रोक दिया गया, जिसके चलते शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय का काम पूरी तरह बाधित रहा. जिसके बाद वकीलों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, तब जाकर उन्हें प्रवेश मिला.
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समाधान यात्रा के बीच में नाराज हुए वकील: प्रशासन के विरोध की अगुवाई कर रहे अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी, सचिव कन्हैया सिंह, अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक और अधिवक्ता गौतम वर्मा ने बताया कि प्रशासन को पूर्व में ही व्हाट्सएप के द्वारा सूचित कर दिया गया था. अधिवक्ताओं को मुख्तार खाना में आने में कोई रुकावट पैदा ना हो बावजूद इस सूचना के बाद भी गेट को बंद रखा गया. जिसके कारण वकील नाराज हो गए और आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा.
वकीलों को समाहरणालय परिसर में नहीं मिला प्रवेश: वकीलों ने कहा कि समाधान यात्रा में क्या समाधान हुआ, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन व्यवधान बहुत हुआ. अधिवक्ता अपने काम से वंचित हो गए. न्यायालय का कामकाज ठप पड़ गया. मुवक्किल भी निराश होकर लौट गए, आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. प्रशासन के रवैया से नाराज अधिवक्ताओ ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार सिंह के न्यायालय में प्रवेश कर अपना विरोध जताया.
वकीलों ने की नारेबाजी: न्यायाधीश ने तत्काल न्यायालय का कार्य स्थगित करते हुए अपने चेंबर में जाते-जाते अधिवक्ता से यह कहते गए कि आप लोगों की जो शिकायत है, उसे लिखित रूप में दीजिए. इस आवेदन को उच्च न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा. जिसके बाद नाराज अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संघ प्रांगण से निकलकर जिला समाहरणालय तक पैदल मार्च किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
"मामला ये था कि कल से ही यह संवाद दिया गया कि समाहरणालय परिसर में हैं, सब जगह को खाली कर दें. सबको खाली करवा दिया गया. हमें फिल्म का सीन याद आ गया. सीएम समाधान करने आ रहे हैं या समस्या उत्पन्न करने आ रहे हैं. जिला पदाधिकारी को हमने कल ही लिखित में दिया था कि वकीलों की समस्याओं को देखिए. फिर हम लोगों ने अपने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को समस्या बताया, तो उन्होंने लिखित में शिकायत करने की बात कही है."-दिलीप कुमार दीपक, वरिष्ठ अधिवक्ता