पूर्णिया: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. ये हालत तब है, जब केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे इसी प्रदेश के निवासी हैं. ताजा मामला सीमांचल के एम्स कहे जाने वाले पूर्णिया के सदर अस्पताल का है. यहां बेड के अभाव में डेंगू के मरीजों का इलाज फर्श पर किया जा रहा है.
'अस्पताल प्रशासन लापरवाह'
इस बाबत,अस्पताल में इलाज के लिये आये काजल पोद्दार का कहना है कि वे 17 नवंबर को अपने रिश्तेदार के इलाज के लिये यहां पर बेहतर सेवा की उम्मीद लेकर आए थे. लेकिन अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां पर मरीजों का उपचार फर्श पर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार अस्पताल प्रशासन से गुहार भी लगाई लेकिन विभाग ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया.
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डेंगू वार्ड में कुव्यवस्था
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बैसा प्रखंड की रेहाना खातून बताती हैं कि वे यहां पर 16 नवंबर से भर्ती हैं. महिला होने के नाते अस्पताल प्रशासन से कम से कम एक बेड उपलब्ध कराने के लिए काफी गुहार लगाई. लेकिन अब बेड मिलना असंभव लग रहा है. वहीं, एक अन्य मरीज सुरेश मांझी बताते है कि हमलोगों के पास इतने पैसे भी नहीं है कि कहीं और प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराएं.
'अस्पताल में नहीं है कोई व्यवस्था'
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. यहां पर ना तो डेंगू टेस्ट किट उपलब्ध है और ना ही किसी प्रकार की दवाई उपलब्ध है. मरीजों ने अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर हमें इलाज के नाम पर सिर्फ एक मच्छरदानी मिली है. बाकी व्यवस्था खुद से करना पड़ा है.
'अस्पताल में मरीजों के मुकाबले बेड कम'
मामले पर जिले के सीएस मधुसूदन प्रसाद ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अस्पताल में मरीजों की अपेक्षा बेड की कमी है. इसलिए सभी मरीजों को बेड मिलना मुश्किल है, ऐसे में प्रबंधन क्या कर सकता है?
लगातार बढ़ रही डेंगू मरीजों की संख्या
जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी परेशान है. गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में बाढ़ और बारिश के कारण जलजमाव की समस्या हुई थी. जिस कारण अब जमे हुए पानी में डेंगू और चिकनगुनिया पनपने लगा है. बताया जाता है कि पूरे प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित लोगों की संख्या 2500 के पार पहुंच गई है.