पटनाःराज्य में एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को प्राथमिकता के आधार पर अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत आने वाले दिनों में तमाम विभागों में सभी स्तर के भ्रष्ट लोकसेवकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की प्रक्रिया तेज होगी.
जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत तय नियमों के अंतर्गत ऐसे लोगों पर ट्रैप के अलावा डीए (आय से अधिक संपत्ति) केस के तहत कार्रवाई की जायेगी. इस कार्रवाई को तेजी से करने के लिए राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को विशेष निर्देश देते हुए उन्हें ऐसे कर्मचारियों और पदाधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.
'अधिकारियों की अवैध संपत्ति जब्त करने के निर्देश'
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि ऐसी कार्रवाई के लिए खासतौर से राज्य में गठित तीन एजेंसियों निगरानी ब्यूरो, विशेष आर्थिक इकाई (एसवीयू) और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की भूमिका सर्वोपरि है. इसके अलावा पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत राज्य के जिन अपराधियों या नक्सलियों के मामले की जांच चल रही है. उनकी सभी अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध किया है.
इस साल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की वजह से मार्च के अंत से करीब चार महीने तक लॉकडाउन ही लगा रहा. इसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी. इन कारणों से सूबे में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ ट्रैप या डीए की कार्रवाई नहीं हो सकी.