पटना: प्रदेश के 32 लोकसभा सीटों पर अब तक हुए मतदान में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है. सभी चरण के चुनाव में महिलाओं की मत प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, इस मत प्रतिशत पर राजनैतिक दल अपने-अपने दावे बता रही है. लेकिन, आम महिलाएं इसे महिलाओं के बीच जागरूकता और महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ाया गए कदम का नतीजा करार दे रही हैं.
'महिलाएं बेहतर माहौल मिलने से सशक्त हुई है'
महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिभा सिंह ने बताया इस चुनाव को लेकर महिलाओं के बीच जिस तरह का उत्साह दिख रहा है. उसका कारण महिला सशक्तिकरण के लिए बेहतर मौहाल और सरकार द्वारा नगर परिषद और पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत का आरक्षण दिया जाना है. वहीं, सरकार के द्वारा सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाना भी है.
'किसी से डर नहीं रहे, आगे बढ़ रहे हैं'
वहीं, गृहिणी शारदा सिन्हा ने कहा कि अब हम लोग खुद को सुरक्षित मासूस करते हैं. घर से निकलकर मतदान के लिए जा रहे है. किसी से डर नहीं रहे हैं और समाज मे आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले जब वोट करने जाते थे तो हमलोगों के साथ मारपीट कर भगा दिया जाता था. लेकिन अब ऐसा नही है. इसलिए महिलाएं अपने आपको सुरक्षित और बलवान समझ रही है.
"शराबबंदी ने किया जीवन में बदलाव"
गृहिणी मंजू बाला ने बताया कि पहले घर से निकले में भय लगता था. लेकिन अब ऐसा नही है क्योंकि शिक्षा और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के द्वारा जिस तरह के कदम उठाए गए हैं. इसी का नतीजा है कि हम सशक्त हुए हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा शराब बंदी से हमारे जीवन मे बदलाव आया है. पहले शराब के नशे में लोग घरवालों के साथ मारपीट किया करते थे और पैसा बर्बाद करते थे लेकिन अब ऐसा नही है. अब वह भी कमाते है और हम भी. हम सशक्त हुए हैं और बेहतर सरकार को चुनना चाहते है जो कि हमारे विकास के लिए काम करे.