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बिहार में हर दिन बढ़ रहे आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता, प्रदेश फिर 'लॉकडाउन' की ओर ? - lockdown be imposed in bihar

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. बिहार में सोमवार को कोरोना के 935 मामले सामने आए हैं. इस पर लगाम कसने के लिए बिहार सरकार ने भी कई फैसले लिए हैं. वहीं अब एक सवाल यह भी उठता है कि क्या बिहार एक बार फिर से लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है?

Second wave of Corona in Bihar
Second wave of Corona in Bihar

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Published : Apr 5, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 12:08 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) के दौरान तेजी से नए कोरोना संक्रमित मामलों (Corona Infected Cases) की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. बिहार सरकार लगातार दावे कर रही थी कि कोरोना को लेकर देश में सबसे बेहतर स्थिति में बिहार है लेकिन अब राजधानी पटना सहित बिहार का आंकड़ा डराने लगा है. 5 महीने में सबसे ज्यादा मरीज बिहार में अब मिलने शुरू हो गए हैं. 30 मार्च की बात करें तो 74 कोरोना मरीज मिले थे लेकिन 4 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 864 हो गई.

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पटना में हालात खराब
राजधानी पटना की बात करें तो 30 मार्च को केवल 19 संक्रमित मिले थे लेकिन 4 अप्रैल को यह बढ़कर 372 हो गई. यानी आधे कोरोना संक्रमित बिहार के पटना में मिल रहे हैं. हालांकि सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं लेकिन कम जांच और शिथिलता ने भी बिहार में यह स्थिति पैदा कर दी है. विशेषज्ञ फिलहाल लॉकडाउन वाली स्थिति नहीं बता रहे हैं लेकिन कोरोना के बदलते स्ट्रेन पर चिंता भी जाहिर कर रहे हैं.

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होली में हालात हुए बदतर
बिहार में होली से 1 सप्ताह पहले ही कोरोना के मामले बढ़ने के संकेत मिल रहे थे. तब भी सरकार का दावा था कि बिहार की स्थिति बहुत बेहतर है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी बयान दिया था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, लेकिन 1 सप्ताह में ही आंकड़े डराने लगे हैं. अब चिंता इस बात की भी है कि इस बार युवा वर्ग अधिक पॉजिटिव हो रहा है. पटना जिले में 1254 सक्रिय मरीज शनिवार तक थे.

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आंकड़ें डरा रहे हैं
बिहार में 11 मार्च को पॉजिटिव मरीज की संख्या 28 तक पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद आंकड़े बढ़ने लगे. होली से 1 सप्ताह पहले तक यह एक सौ से ऊपर पहुंच गया और 4 अप्रैल को यह संख्या 864 तक पहुंच गई. बिहार में कोरोना के आधे मरीज राजधानी पटना से ही मिल रहे हैं. ऐसे 10 मार्च को पटना में केवल 9 मरीज मिले थे लेकिन उसके बाद आंकड़ा बढ़ना शुरू हुआ और 4 अप्रैल को यह बढ़कर 372 तक पहुंच गया. जबकि पांच अप्रैल को 936 संक्रमित पाए गए.

अब युवा वर्ग पर कोरोना प्रहार
इससे पहले कोरोना से बुजुर्गों को बचने को कहा जा रहा था. माना यह भी जा रहा था कि कोरोना से बुजुर्गों की रिकवरी उतनी नहीं हो पा रही जितनी युवाओं की. लेकिन कोरोना के दूसरे लहर में मामला पूरा उलट गया है. इस बार युवा वर्ग को कोरोना का कहर झेलना पड़ रहा है.

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'लोग अभी भी सचेत हो जाएं मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का उपयोग करें तो स्थिति नियंत्रण में आ सकती है. फिलहाल लॉकडाउन की स्थिति जैसे हालात बिहार में नहीं है.'- डॉ. मनोज कुमार, निदेशक, गार्डिनर हॉस्पिटल पटना

डॉ. मनोज कुमार, निदेशक, गार्डिनर हॉस्पिटल पटना
बिहार में लॉकडाउन ?लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने पर लॉकडाउन की चिंता भी सताने लगी है.बिहार में दूसरी लहर के दौरान कोरोना का विस्फोट होता हुआ नजर आ रहा है. वहीं बिहार सरकार (Government of Bihar) ने भी कोरोना की रोकथाम के लिए कई कड़े फैसले लिए हैं. इन सभी बातों पर गौर की जाए तो सवाल उठता है कि क्या बिहार में एक बार फिर से लॉकडाउन (Lockdown) के हालात बन रहे हैं?

'इस बार कोरोना का रूप बदला हुआ है और यह ज्यादा खतरनाक है ज्यादा स्प्रेड कर रहा है लेकिन वैक्सीन कारगर है.'-डॉक्टर बसंत सिंह, विशेषज्ञ चिकित्सक

डॉक्टर बसंत सिंह, विशेषज्ञ

लापरवाही संक्रमण बढ़ने की बड़ी वजह
कोरोना की जांच को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं कि अधिक से अधिक जांच होनी चाहिए. लेकिन होली से पहले जांच घटकर 20 से 25 हजार तक पहुंच गया था. और यह एक बड़ी चूक मानी जा रही है. ऐसे अब जांच संख्या 60000 से अधिक हो चुका है. वहीं कोरोना पॉजिटिव कम मिलने के कारण जो कोविड-19 अस्पताल बनाये गए थे उसकी व्यवस्था भी चरमरा गई थी. हालांकि अब उस पर भी नजर है और उसे दुरुस्त किया जा रहा है. ट्रेसिंग का काम भी जोर शोर से चल रहा है. पटना में ही 100 से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं.

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'आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे में देना है लेकिन 48 घंटे से अधिक समय लग रहा है क्योंकि यहां से सैंपल आरएमआरआई जाता है और अधिक सैंपल होने पर जांच रिपोर्ट आने में और अधिक समय लगता है. लेकिन एंटीजन जांच तुरंत हम लोग दे देते हैं यदि लोगों को जांच रिपोर्ट का मैसेज नहीं मिलता है तो हमसे आकर मिल सकते हैं हम उनको रिपोर्ट मंगा कर दे देंगे.'- डॉ मनोज कुमार, निदेशक, गार्डिनर हॉस्पिटल पटना

कोरोना की जांच

तारीख जांच की संख्या
9 मार्च 25, 256
13 मार्च 32998
18 मार्च 59076
19 मार्च 55859
21 मार्च 53531
20 मार्च 55336
28 मार्च 65104
29 मार्च 70062
31 मार्च 50515
1 अप्रैल 60262
2 अप्रैल 63846
3 अप्रैल 63283
4 अप्रैल 67033

एक्टिव मरीज की संख्या

19 मार्च 436
20 मार्च 472
21 मार्च 522
30 मार्च 1487
1 अप्रैल 1907
2 अप्रैल 2363
3 अप्रैल 2942
4 अप्रैल 3560


अधिक से अधिक जांच करने की जरूरत
बिहार सरकार का जोर अधिक से अधिक आरटी-पीसीआर जांच कराने की है. 70% से अधिक आरटी-पीसीआ हर हाल में जांच हो इसकी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है और जिलों को संबंधित आरटी-पीसीआजांच केंद्र से जोड़ा गया है.

9 जिलों को आईजीआईएमएस से जोड़ा गया
आरटी-पीसीआर जांच के लिए 9 जिलों को आईजीआईएमएस पटना से जोड़ा गया है. इनमें सीतामढ़ी, सारण, अररिया, नवादा, लखीसराय, शिवहर, अरवल, सहरसा, नालंदा शामिल हैं. 7 जिलों को राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट आरएमआरआई से जोड़ा गया है. इसमें पटना, सिवान, गोपालगंज, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार और मधुबनी शामिल है. पटना एम्स में समस्तीपुर, बक्सर, जहानाबाद और भोजपुर जिले के सैंपल की जांच होगी तो वहीं एनएमसीएच गया में गया और औरंगाबाद की जांच की जाएगी.

आरटी-पीसीआर जांच
डीएमसीएच दरभंगा में दरभंगा और पूर्णिया, एनएमसीएच पटना में वैशाली, शेखपुरा और जमुई की जांच होगी. एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर, जेएनकेटीएमसीएच मधेपुरा में मधेपुरा, किशनगंज और सहरसा. जेएलएनएमसीएच भागलपुर में भागलपुर और बांका. राजकीय मेडिकल कॉलेज बेतिया में पश्चिम चंपारण, बीआईएमएस पावापुरी में नालंदा, नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज में भोजपुर और बक्सर, एमजीएमएमसी किशनगंज में किशनगंज और अररिया, एनएमसी सासाराम में रोहतास और कैमूर की जांच होगी. तो वहीं कटिहार मेडिकल कॉलेज कटिहार, एमएमसी मधुबनी में मधुबनी और एलबी के एमसी सहरसा में सहरसा के सैंपल की जांच करने की व्यवस्था की गई है.

रिकवरी रेट ने भी बढ़ाई चिंता
बिहार में एक समय रिकवरी रेट 99. 8 से भी अधिक पहुंच गया था लेकिन अब यह घटकर 98 हो गया है और लगातार घट रहा है. ऐसे में सरकार की पूरी कोशिश है आरटी-पीसीआर अधिक से अधिक हो और जांच और मरीजों का ट्रेसिंग के साथ इलाज हो.मुख्यमंत्री पूरे मामले पर खुद अब नजर रख रहे हैं कई तरह के बड़े फैसले भी लिए गए हैं जिसमें स्कूल कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थान को 11 अप्रैल तक बंद किया गया है. सार्वजनिक कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए गए हैं. वहीं गाइडलाइन को पालन करने का भी सभी डीएम को सख्त निर्देश जारी कर दिया गया है.

मंगलवार को सीएम करेंगे बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को सभी जिले के डीएम और एसपी के साथ बैठक करेंगे. माना जा रहा है कि कोरोना को लेकर इस मीटिंग में महत्वपूर्ण चर्चा की जा सकती है.

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Last Updated : Apr 6, 2021, 12:08 PM IST

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