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Sunil Ojha: कौन हैं सुनील ओझा, जिन्हें BJP ने बिहार का सह प्रभारी बनाया - Bihar Politics

Bihar Politics बिहार बीजेपी में बड़ा संगठनात्मक बदलाव किया गया है. सम्राट चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालते ही सुनील ओझा को बिहार प्रदेश बीजेपी सह प्रभारी नियुक्त किया गया (Bihar BJP state CoIncharge) है. ओझा इससे पहले उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी थे. पढ़ें पूरी खबर

बिहार बीजेपी के सह प्रभारी सुनील ओझा
बिहार बीजेपी के सह प्रभारी सुनील ओझा

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Published : Mar 29, 2023, 2:40 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 3:26 PM IST

पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुनील ओझा को बिहार प्रदेश बीजेपी का नया सह प्रभारी नियुक्त किया है. सुनील ओझा अभी तक उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे थे. बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरूण सिंह ने इस संगठनात्मक नियुक्ति एवं फेरबदल को लेकर आधिकारिक पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि सुनील ओझा की यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.

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सुनील ओझा बने बिहार BJP के सह प्रभारी : बता दें कि, सुनील ओझा को बीजेपी आलाकमान का करीबी माना जाता है और उनकी संगठनात्मक क्षमता एवं बेहतर चुनावी रणनीति बनाने में माहिर होने की वजह से ही पार्टी ने उन्हें बिहार की जिम्मेदारी दी है. सह प्रभारी के रुप में ओझा की नियुक्ति के बाद बिहार के गलियारों में सियासी हलचल तेज हो गई है.

इसलिए सुनील ओझा को बिहार भेजा गया: बिहार में नीतीश कुमार के अलग हो जाने के बाद अब बीजेपी बिहार में अपने आप को पूरी तरह से मजबूत करने पर ध्यान दे रही है. सूत्रों की माने तो बीजेपी 2024 के लोक सभा चुनाव में महागठबंधन को शिकस्त देने की तैयारी में हैं. जानकारों की माने तो संगठन को और मजबूती देने के लिए सुनील ओझा को बिहार भेजा गया है.

गड़ौली धाम को लेकर थे चर्चा में सुनील ओझा : यहां आपको बता दें कि पिछले दिनों सुनील ओझा गड़ौली धाम आश्रम (garauli dham ashram) को लेकर सुर्खियों में थे. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में गंगा किनारे गड़ौली धाम आश्रम का निर्माण हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस आश्रम का निर्माण सुनील ओझा की देख रेख में हो रहा है. बताया जाता है कि आश्रम में बालेश्वर महादेव का मंदिर है. लेकिन अचानक आश्रम की चर्चा इसलिए होने लगी, क्योंकि यहां वीआईपी लोगों का आजा-जाना बढ़ गया.

कौन हैं सुनील ओझा : बता दें कि सुनील ओझा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जिम्मेदारी संभालते हैं. सुनील ओझा ने गुजरात के भावनगर से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. लगातार दो साल तक बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता. इसके बाद साल 2007 में टिकट नहीं मिला तो बीजेपी का साथ छोड़ निर्दलिय मैंदान में उतरे लेरिन चुनाव हार गए. बीजेपी के अलग होने के बाद ओझा ने महागुजरात जनता पार्टी बनाई. लेकिन साल बदला और 2011 में एक बार फिर बीजेपी में एंट्री हुई. उन्हें गुजरात बीजेपी का प्रवक्ता बनाया गया. बाद में जब पीएम मोदी ने 2014 में वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो ओझा को वाराणसी भेजा गया. इसके बाद वे उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी बनाए गए.

Last Updated : Mar 29, 2023, 3:26 PM IST

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