पटना:राजधानी में 45 वर्षों के बाद एकबार फिर बाढ़ की स्थिति है. आलम ये है कि बारिश के पानी ने लोगों को जल कैदी बना दिया है. बारिश से पटनावासियों का जीना मुहाल हो गया है. प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल एनएमसीएच पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. आईसीयू, इमरजेंसी, मेडिसिन स्टोर, डॉक्टर चेंबर, जनरल वॉर्ड सभी पानी-पानी हो चुके हैं.
तीन दिनों की बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी है. एनएमसीएच में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर और नर्स भी हलकान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि पानी के कारण वह कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं. हर कमरे में जलजमाव हो चुका है. चारों ओर गंदगी तैर रही है.
गंदगी में रहने को मजबूर मरीज
एनएमसीएच में हुए जलजमाव के कारण मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. मरीजों का कहना है कि वार्ड में पानी भरे होने के कारण डॉक्टर उनका इलाज नहीं कर पा रहे हैं. पानी से बदबू भी आ रही है. कीड़े तैर रहे हैं. जांच की सारी मशीनें भी पानी में डूब गई हैं. यहां तक की स्टोर में रखी दवाईयां भी बर्बाद हो गई हैं.
मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता नई मशीनें हो रही खराब
अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण लाखों रुपयों की दवा के अलावे करोड़ों की मशीनें खराब हो रही हैं. गौरतलब है कि नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भवन की कमी नहीं है बावजूद इसके दवाईयों और मशीनों की किसी को सुध नहीं है. इलाज के उपकरण जैसे एक्स-रे मसीन, ईसीजी मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर सब बरामदे में पड़ें हैं. एंबुलेंस सेवा भी ठप है.