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बिहार में SC-ST, OBC और अल्पसंख्यक वोट बैंक पर पार्टियों की नजर, भीम संसद, झलकारी बाई और युसूफ मेहर अली को बनाया हथियार

Lok sabha election 2024: बिहार में वोट बैंक की राजनीति जारी है. भाजपा, राजद और जदयू के तमाम नेता अल्पसंख्यक, पिछड़ा और अति पिछड़ा वोटर्स को अपने पाले में करने में जुट गई है. इसके लिए बड़े बड़े सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 22, 2023, 5:38 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी

पटनाःलोकसभा चुनाव 2024 करीब है. ऐसे में राजनीतिक दल वोट बैंक को बढ़ाने के लिए जुट गए हैं. जदयू, राजद और भाजपा इसको लेकर लगातार सम्मेलन कर रही है. राजद स्वतंत्रता सेनानी युसूफ मेहर अली के नाम पर अल्पसंख्यक वोटर्स को साधने की तैयारी में है. संविधान दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन लालू प्रसाद यादव करेंगे.

कौन है युसूफ मेहर अलीः बता दें कि युसूफ मेहर अली का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. युसूफ मेहर अली ने साइमन कमीशन वापस जाओ का नारा दिया था और बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई थी. 1942 आंदोलन के दौरान भारत छोड़ो का नारा देने वाले शख्स भी युसूफ मेहर अली थे. उनके दिए हुए नारे को महात्मा गांधी ने स्वीकार कर लिया था और युसूफ मेहर अली को मुंबई का मेयर भी चुना गया था.

सम्मेलन का सहारा लेगी राजदः राष्ट्रीय जनता दल की ताकत माय समीकरण है. अल्पसंख्यक वोट बैंक पर भाजपा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की नजर है. वैसे में अल्पसंख्यक वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए राजद सम्मेलन का सहारा ले रही है. बिहार में कुल 16.9% आबादी अल्पसंख्यकों का है, जो किसी भी पार्टी के लिए अहम मुद्दा है. इसको लेकर राजद की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है.

"युसूफ मेहर अली स्वतंत्रता सेनानी थे. स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका अविस्मरणीय थी. संविधान दिवस के मौके पर हम लोग बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं. नए युग के लड़कों को उनके बारे में प्रदर्शनी के जरिए जानकारी देंगे. कार्यक्रम का उद्घाटन लालू प्रसाद यादव करने जा रहे हैं."-उदय नारायण चौधरी, महासचिव, राजद

जदयू भी करेगा सम्मेलनः जदयू की नजर दलित वोट बैंक पर है. बिहार में 16% आबादी दलितों की है. जनता दल यूनाइटेड की ओर से भीम चौपाल का आयोजन पूरे बिहार में किया गया था. 26 नवंबर को वेटरनरी ग्राउंड में भीम संसद का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं. सीएम जातिगत जनगणना और आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के मसले पर दलितों के बीच अपनी राय रखेंगे और भविष्य की रणनीति तय करेंगे.

"केंद्र की सरकार ने दलितों के हितों की अनदेखी की है. बिहार में दलितों के हित में बहुत सारे काम हुए हैं. भीम संसद के जरिए हम लोग रणनीति का खुलासा करेंगे. हमारे नेता नीतीश कुमार भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे और सरकार ने जो कुछ दलितों के लिए किया है उसे भी सामने रखा जाएगा."-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

झलकारी बाई के सहारे भाजपाः रेस में भाजपा भी पीछे नहीं है भाजपा की ओर से झलकारी बाई की स्मृति में बापू सभागार में बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है. बिहार भाजपा के तमाम कद्दाबर नेता कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. पार्टी की नजर पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. 25 नवंबर को पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोगों का महा जुटान पटना में किया जा रहा है.

"अति पिछड़ों को नीतीश सरकार ने ठगने का काम किया है. झलकारी बाई की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन 25 नवंबर को किया जा रहा है. अति पिछड़ा समुदाय से बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम के जरिए हम नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे."-योगेंद्र पासवान, भाजपा प्रवक्ता

पिछड़ा वर्ग बड़ा मुद्दाः बिहार में अति पिछड़ों की आबादी 36% है. भाजपा अति पिछड़ों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार कार्यक्रम कर रही है. झलकारी बाई के जरिए भी अति पिछड़ाओं को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है. झलकारी बाई रानी लक्ष्मीबाई की सेवा में दुर्गा दल की सेनापति हुआ करती थी. वह भी दलित जाति से आती थी. उनकी गाथा को लोगों के सामने लाकर भाजपा अति पिछड़ा वोटर्स को अपने पाले में करेगी.

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