पटना: बिहार विधानसभा में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिल गई है. इस तरह तय हो गया है कि राज्य में एक बार फिर डबल इंजन यानी भाजपा और जदयू गठबंधन की सरकार बनेगी. वहीं, एनडीए के घटक दल वीआईपी जो राज्य में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रही थी उसने अपने खाते के 11 सीटों में 4 सीटों पर जीत हासिल की है. इन 4 सीटों पर जीत के बाद वीआईपी नेता काफी उत्साहित है और अब उनका कहना है कि वह अब संगठन के विस्तार पर जोर देंगे और 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा की तैयारी के लिए अभी से ही पार्टी की मजबूती में लग जाएंगे.
6 सीटों पर जीतने की थी उम्मीद
विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ी और 4 सीटों पर पार्टी को जीत मिली है. जीत से पार्टी नेताओं में काफी खुशी है और कार्यकर्ता उत्साहित भी हैं मगर वह उम्मीद कर रहे थे कि कम से कम वह 6 सीटें जरूर जीतेंगे. उन्होंने कहा कि इस जीत के बाद उन्हें अब पूर्ण विश्वास है कि पार्टी का संगठन राज्य में और मजबूत होगा और विभिन्न तबके के लोग भी पार्टी के विचारों से जुड़ना पसंद करेंगे.
लोजपा फैक्टर का प्रभाव
इस चुनाव में लोजपा फैक्टर पर बात करते हुए राजीव मिश्रा ने कहा कि लोजपा से जरूर एनडीए को काफी बड़ा नुकसान हुआ है और सबसे ज्यादा नुकसान जदयू को हुआ है. जहां लोजपा ने 37 सीटों पर जदयू का खेल बिगाड़ा है. उन्होंने कहा कि लोजपा ने उनके 4 सीटों पर बड़ा प्रभाव डाला है और सिमरी बख्तियारपुर की सीट जहां से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी चुनावी मैदान में थे. वहां भी लोजपा फैक्टर रहा है. उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी जहां लगभग 1500 वोट से हारे हैं वहीं लोजपा ने 6000 से अधिक मत हासिल किए हैं. उन्होंने कहा कि लोजपा की रणनीति से एनडीए को नुकसान हुआ है और सबसे अधिक नुकसान लोजपा को ही हुआ है. जिस पार्टी के प्रदेश में 6 सांसद हैं वह प्रदेश में मात्र एक विधायक की पार्टी बनकर रह गई है.
एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे पर एकजुट
मुख्यमंत्री के चेहरे पर बात रखते हुए राजीव मिश्रा ने कहा कि यह गठबंधन का मामला है और इस पर अभी उनका कुछ कहना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ी थी और भाजपा ने भी शुरू से ही इस बात की घोषणा कर रखी थी की सीटें किसी को भी कम ज्यादा आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एनडीए में कोई बदलाव होगा और एनडीए के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर जो बातें उठ रही हैं वह विपक्ष की ओर से हवा दी गई है. एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे पर एकजुट है और उन्हें पूरा उम्मीद है कि दीपावली के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.