पटना (मसौढ़ी): बिहार विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. जहां वर्तमान सरकार हर घर नल, शौचालय योजना और अपने किये हुए विकास कार्यों की दुहाई देकर जनता के बीच चुनावी मैदान में उतर रही है. लेकिन धनरूआ प्रखंड अंतर्गत बुधरामचक गांव में आज तक नीतीश सरकार की शौचालय योजना नहीं पहुंच पाई है. जिस वजह से ग्रामीण आज भी खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.
मसौढ़ी: धनरूआ प्रखंड में ग्रामीणों को नहीं मिला शौचालय योजना का लाभ, खुले में शौच के लिए मजबूर - Lohia Sanitation Campaign
बुधरामचक गांव मे करीब ढाई सौ से ज्यादा की आबादी है. लोगों ने बताया कि उनके गांव में महज कुछ लोगों को ही शौचालय योजना का लाभ मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय के अभाव में उन्हें आज भी खुले में शौच करना पड़ता है.
शौचालय के अलावे सड़क और नाली भी बेहाल
बता दें कि बिहार सरकार ने लोहिया स्वछता अभियान के तहत हर घर शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवा रही है. लेकिन गांव में कुछ घरों को छोड़कर अधिकतर घरों में आज भी शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है. जिस वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान अधिकारी से लेकर मंत्री तक ने गांव के विकास का वादा किया था. लेकिन गांव में लोगों को शौचालय तक नहीं बन पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय के अलावे गांव में सड़क और पानी निकासी के लिए बने नाली का भी खस्ता हाल है.
'केवल सरकारी फाइलों में ही हुआ विकास'
बुधरामचक गांव मे करीब ढाई सौ से ज्यादा की आबादी है. लोगों ने बताया कि सरकार ने हर पंचायत के लिए स्वछताग्राहियों की बहाली भी की थी. स्वछताग्राही गांव में सर्वेक्षण कर शौचालय से वंचित परिवार को शौचालय बनाने के लिए सरकारी राशि मुहैया कराने में उनकी मदद करता था. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण गांव में कुछ घर के अलावे आज तक शौचालय नहीं बन पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रही है. सरकारी योजनाएं तो चल रही है. लेकिन वह लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिस वजह से गांव का विकास धरातल से ज्याद महज सरकारी फाइलों में ही सिमट कर रह गई है.