पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वाराणसी में प्रस्तावित रैली फिलहाल स्थगित हो गई है. उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्रवण कुमार ने कहा कि जगह नहीं मिलने के कारण रैली को स्थगित करने का फैसला लिया गया है. जल्द ही नई तारीख की घोषणा की जाएगी. इसके बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने जदयू के आरोपों का खंडन किया. साथ ही नीतीश कुमार को वाराणसी जाने की सलाह दी.
"रैली रद्द होना दुखद है. हम तो चाहते थे कि हमारे मुख्यमंत्री बनारस जाते. महादेव की मुक्ति धाम में भगवान उन्हें सद्बुद्धि भी देते. अपनी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते, जैसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. वहां से बिहार में आकर मां जानकी, पटन देवी का मंगला गौरी को सम्मान देते. मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वह बनारस की धरती पर जरूर जाएं और वहां जाकर सद्बुद्धि उन्हें मिले यह जरूरी है."- विजय चौधरी, नेता प्रतिपक्ष
जदयू के आरोप पर बिफरेः जगह नहीं मिलने के कारण रैली को स्थगित करने के जदयू के आरोपों पर विजय सिन्हा ने कहा कि भाजपा यह काम नहीं करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक पद का सम्मान करता है. साथ ही बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा बिहार सरकार की तरह नेता प्रतिपक्ष की आवाज को दबाने का काम नहीं करती है. विजय सिन्हा ने कहा कि हर दल के लोगों को सम्मान करता है और कार्यक्रम का मौका मिलता है.
अडाणी के निवेश पर दोहरा चरित्र का आरोपः बिहार में अडाणी के निवेश की घोषणा पर उन्होंने कहा कि बिहार सरकार दोहरा मापदंड अपनाती है. उनका कहना था कि राजद, जदयू और कांग्रेस के लोग अडाणी का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करते हैं और दूसरी ओर उसी अडाणी की आरती उतार कर निवेश के लिए बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि सच्चाई यही है कि ये लोग उद्योगपतियों को खोजते हैं और उनका दोहन करते हैं.