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'हम सदन में बहस के लिए तैयार थे लेकिन उनकी रुचि हंगामा करने में थी', BJP पर उपेंद्र कुशवाहा का हमला

सरकार बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान छपरा शराब कांड को लेकर बहस कराने को तैयार थी लेकिन बीजेपी को बहस करने में नहीं बल्कि हंगामा करने में रुचि थी और अब हम पर ही आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के धरना प्रदर्शन पर उपेंद्र कुशवाहा ने निशाना साधा है. (upendra kushwaha targeted bjp)

protest in bihar assembly premises
protest in bihar assembly premises

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Published : Dec 21, 2022, 3:59 PM IST

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना:छपरा में जहरीली शराबसे मौत मामले को लेकर सदन में चर्चा नहीं कराए जाने से बीजेपी खासी नाराज है और बिहार विधानसभा में धरना प्रदर्शन कर रही है. इसपर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने निशाना साधा है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी गलत आरोप लगा रही है. विधानमंडल शीतकालीन सत्र के दौरान जब बहस करने की जरूरत थी तब बीजेपी के सदस्यों ने हंगामा किया, सदन को बाधित किया. (protest in bihar assembly premises) (Chapra Hooch Tragedy)

पढ़ें- अब छपरा के कोपा में जहरीली शराब का कहर, शख्स की आंखों की रोशनी गयी

बीजेपी के धरने पर उपेंद्र कुशवाहा का पलटवार:उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार तो सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार थी. जब चर्चा करने की जरूरत थी तब इन लोगों ने चर्चा कराई नहीं, अब हंगामा करके आगे की राजनीति करना चाहते हैं. दरअसल बीजेपी के विधायक, विधान पार्षद जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. धरना के माध्यम से सरकार पर कई तरह का आरोप लगा रहे हैं.

"बीजेपी का आरोप सरासर गलत है. जिस वक्त बोलना चाहिए था उस समय दोनों सदन में हंगामा कर रहे थे. पांच दिन के सदन को उन लोगों ने हंगामे की भेंट चढ़ा दिया. सदन में स्पीकर की भी कोई परवाह नहीं की गई. वेल में आ गए. सभापति के आसन पर कागज फेंका. अपने आचरण से बीजेपी ने जनतंत्र और जनता का अपमान किया है और आरोप हम पर लगा रहे हैं. सरकार बहस के लिए तैयार थी लेकिन इनकी रुचि हंगामा करने में थी."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

छपरा शराब कांड पर जारी है रार: विजय सिन्हा ने कहा था कि विपक्ष को सदन में बोलने नहीं दिया गया. यहां तक कि ध्यानाकर्षण भी विपक्ष का नहीं लाया गया. इसके अलावा मुआवजा और न्यायिक जांच की मांग को लेकर भी बीजेपी का सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति है. सरकार न्यायिक जांच और मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं है.

जहरीली शराब से मौत मामला:बता दें कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 73 तक पहुंच चुका है. जबकि सरकार की ओर से 38 लोगों के मौत की पुष्टि की जा रही है. वहीं छपरा सदर अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक संदिग्ध पेय पदार्थ पीकर 67 लोग मरे हैं. सवाल इस बात का है कि आखिर आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर कैसे आ रहा है? जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर पिछले दिनों बिहार विधानसभा में बीजेपी ने जबरदस्त हंगामा किया और मुआवजे की मांग की. न्यायिक जांच की मांग भी बीजेपी की तरफ से हो रही है. वहीं जहरीली शराब से मौत को लेकर एनएचआरसी की टीम मंगलवार से ही जांच में जुटी है. अब एनएचआरसी (NHRC) की एक और टीम (second team of NHRC reached in Bihar) डीजी के नेतृत्व में बिहार पहुंची है, जो राज्य के कई जिलों में शराब पीकर बीमार हुए लोगों से मुलाकात करेगी.


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