पटनाःबिहार में महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के बहाने लंबे समय से सियासत होती रही है कोई भी दल अछूता नहीं है. शहीद जगदेव की जयंती जेडीयू (JDU separately orgnaise Jagdev Jayanti) भी कर रही है. वहीं अन्य दल भी इसका आयोजन कर रहे हैं, लेकिन जदयू के अंदर ही इस पर घमासान मचा है. दो खेमा साफ दिख रहा है. नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा समाज पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं, तो वहीं जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी पार्टी की ओर से कार्यक्रम कर रहे हैं. पार्टी के नेता उमेश कुशवाहा के कार्यक्रम में ही शामिल होंगे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि शहीद जगदेव की जयंती के बहाने पार्टी में कुशवाहा समाज किनके तरफ है.
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जगदेव जयंती के बहाने कुशवाहा समाज को साधने की कोशिशः जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि जब जदयू आयोजन कर रहा है, तो हम लोग लगातार कहते रहे हैं कि सामाजिक संस्था की तरफ से इसके आयोजन की कोई जरूरत नहीं है. पार्टी नहीं करती तब उपेंद्र कुशवाहा इसका आयोजन कर सकते थे. वहीं उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जब महाराणा प्रताप की जयंती किसी संस्था के माध्यम से हो सकती है तो शहीद जगदेव की जयंती महात्मा फुले समता परिषद की तरफ से क्यों नहीं. फुले समता परिषद के अध्यक्ष सुभाष कुशवाहा का कहना है कि कुशवाहा समाज अपना नेता उपेंद्र कुशवाहा को ही मांनते हैं और जदयू को लग रहा है जयंती मना कर कुशवाहा को अपने तरफ कर लेगी तो यह होने वाला नहीं है.
जगदेव जयंती माने से कुशवाहा समाज जदयू के साथ होने वाला नहीं:महात्मा फुले समता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष और उपेंद्र कुशवाहा गुट से जुड़े सुभाष कुशवाहा का कहना है कि महात्मा फुले समता परिषद की ओर से सभी जिले में शहीद जगदेव की जयंती मनाने जा रहे हैं. जदयू की तरफ से भी प्रखंड स्तर पर जयंती मनाने का फैसला हुआ है. यह अच्छी बात है. इनलोगों को लगता है कि कुशवाहा समाज उपेंद्र कुशवाहा के हाथ में चला जाएगा और इसलिए अमर शहीद जगदेव बाबू की जयंती जदयू इस बार सक्रिय रूप से करने जा रहे हैं पहले नहीं करते थे.जयंती करने से कुशवाहा समाज इन के साथ होने वाला नहीं है क्योंकि कुशवाहा समाज के लोग अपना नेता उपेंद्र कुशवाहा को ही मानते हैं.