पटना: अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) शनिवार को बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा ( Former BJP MLA Brother Murder Case ) के पैतृक आवास धनरूआ के नीमा गांव पहुंचे. यहां उन्होंने विधायक के दो भाइयों की हत्या की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जब सत्ता के नेताओं के परिवार सुरक्षित नहीं है तो आम आवाम का क्या हाल होगा? वहीं इस मौके पर श्रम मंत्री जीबेश मिश्रा भी मौजूद रहे.
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गिरिराज सिंह का अपनी ही सरकार पर हमला:अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दो भाइयों की हत्या के बाद सियासत इन दिनों गर्म है. लगातार उनके पैतृक आवास पर बीजेपी के कई बड़े नेता, मंत्री, विधायक, सांसद पहुंच रहे हैं और सांत्वना देते हुए यथासंभव मदद करने का भरोसा जता रहे हैं. वहीं शनिवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और श्रम मंत्री देवेश मिश्रा चितरंजन शर्मा से मिलने पहुंचे. घटना पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं.
'परिवार की सुरक्षा को लेकर सीएम से करेंगे बात': गिरिराज सिंह ने कहा कि जब सत्ता के नेताओं के परिवार सुरक्षित नहीं हैं तो आम आवाम को कैसे सुरक्षित करेंगे. ऐसे में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से मिलकर चितरंजन शर्मा के परिवार को सुरक्षित करने के लिए बात करेंगे. बहरहाल आपको बता दें कि 2 जून को पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े उनके दो भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस की गिरफ्त में अपराधी:चितरंजन शर्मा के दो भाइयों के हत्याकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है. गुरुवार को SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो (SSP Manavjit Singh Dhillon) ने इस पूरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया है कि इस मामले में कुल 6 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है और इसी कड़ी में इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले नीमा गांव के ही रहने वाले बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अपराधी को गिरफ्तार करने के साथ-साथ हत्याकांड मामले से जुड़े हुए लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है.
पूर्व विधायक के 4 परिजनों की हो चुकी है हत्या:बताया जाता है कि पांडव गैंग का इसके पीछे हाथ है. पांच पांडव में से अब सिर्फ गिरोह में दो लोग बचे हैं, संजय सिंह और चित्तरंजन शर्मा. गिरफ्तार अपराधी से हमने 12 घंटे पूछताछ की तो उसने पूरी सच्चाई बयां कर दी. चितरंजन शर्मा जब विधायक बने तो घटना शांत हो गई थी लेकिन फिर से 2020 में संजय सिंह पर गोली चली थी उनको गोली लगी थी. इसके बाद कहा गया कि पूर्व विधायक के समर्थकों द्वारा हमला कराया गया है. संजय सिंह बच गया लेकिन बदला लेने के लिए अपने लोगों को तैयार कर रहा था. 26 अप्रैल को जहानाबाद शहर के होटल कारोबारी अभिराम शर्मा (Businessman shot dead in Jehanabad) और मसौढ़ी में दिनेश शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी दोनों चितरंजन शर्मा के चाचा भतीजा थे. इस हत्या का मेन शूटर नीतीश था, उसे जेल भेजा गया था. संजय सिंह ने नीतीश से मुलाकात की थी और अगले दिन चाचा भतीजा का आधे घंटे के अंदर मर्डर कर दिया गया था. हत्या के तुरंत बाद नीतीश झारखंड भाग गया था.
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