पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार की जाति आधारित गणना में रोड़ अटकाने की कभी मंशा नहीं रही है. जब उनकी पार्टी बिहार में सत्ता में साझीदार थी तब उसने जाति आधारित गणना का समर्थन किया था. वे राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते ये बाते कही. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा चार राज्यों के प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया. क्षेत्रीय विषमता के साथ-साथ महिला और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को लेकर बैठक में विमर्श हुआ.
हाजीपुर सगौली नई रेल लाइन परियोजना: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि बैठक में चारों राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा ने गुड प्रैक्टिसेस को लेकर अच्छा प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने कहा कि इन गुड प्रैक्टिसेस से अन्य राज्यों को भी सकारात्मक कदम उठाने की प्रेरणा मिलेगी. हाजीपुर-सगौली नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है. पश्चिम बंगाल के नबद्वीपघाट-नवद्वीपधाम नई रेल परियोजना (15 किमी) के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है. इसके अलावा, कृष्णानगर-नबद्वीपघाट गेज परिवर्तन (12.2किमी) के पूर्ण खंड, यानी कृष्णानगर-अमघाटा (8.30किमी) का काम चालू हो गया है.
स्थायी समितियों की बैठकों में हो रहा इजाफा: उन्होंने कहा कि कहा कि 2004 से मई 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की बैठकों की कुल संख्या मात्र 25 थी और इस दौरान हर वर्ष औसतन 2.7 बैठकें आयोजित हुई। लेकिन वर्ष जून 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में कोविड-19 महामारी के बावजूद, क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की कुल 56 बैठकें हुई और हर साल औसतन 6.2 बैठकें आयोजित हुई. इस वर्ष अभी तक कुल 9 बैठकें हुई हैं, जिसमें क्षेत्रीय परिषदों की चार और स्थायी समितियों की पाँच बैठकें शामिल हैं. आज की बैठक में कुल 21 मुद्दों पर चर्चा हुई.
तीन घंटे चली बैठक: लगभग तीन घंटे चली बैठक को संबोधित करते हुएगृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1157 मुद्दों को सुलझाया गया है. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के 5 किमी के भीतर बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा, देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) की स्थापना और देश के सभी मौजूदा पैक्सों को मजबूत करना शामिल है.