पटना:करीब एक सप्ताह से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, ऐसे में पीएमसीएच इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. गरीब और लाचार मरीज बड़ी उम्मीदों के साथ पीएमसीएच अस्पताल में इलाज कराने पहुंचते हैं. मगर हड़ताल की वजह से मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. अस्पताल में सर्जरी की प्रक्रिया पूरी तरह बंद हो चुकी है और सिर्फ सिफारिश वाले गिने-चुने मरीजों की सर्जरी हो रही है.
पिछले एक सप्ताह में जिनकी सर्जरी होनी थी, उनका सर्जरी डेट आगे बढ़ा दी गई है. उन्हें अब तक यह नहीं बताया गया है कि अगली डेट क्या है. अस्पताल से परिजन अपने मरीज के बेहतर इलाज के लिए लगातार अस्पताल से डिस्चार्ज होकर निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं. कई मरीजों को डॉक्टरों की तरफ से भी जबरन डिस्चार्ज किया जा रहा है. पिछले एक सप्ताह से रोजाना लगातार 7 से 8 मरीज पीएमसीएच में इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं.
सर्जरी को स्ट्राइक टूटने का इंतजार
पीएमसीएच के बर्न केयर के आईसीयू में इलाज करा रहे किशनगंज से आए मरीज मनोज प्रसाद ने बताया कि बिजली के सारे काम करने के दौरान उन्हें करंट लग गया था और इस वजह से उनका बाया हाथ गंभीर रूप से जख्मी हो गया. हाथ को काटना पड़ा है और अभी सर्जरी होनी बाकी है
मरीज कर रहे सर्जरी का इंतजार 'पिछले 10 दिन से अस्पताल में एडमिट हैं और अभी रोजाना उनका सिर्फ ड्रेसिंग हो रहा है और ऑपरेशन की जब बात डॉक्टरों से कहते हैं तो उन्हें बताया कि जूनियर डॉक्टर स्ट्राइक पर हैं. जब स्ट्राइक टूटेगी तब सर्जरी होगी'-मनोज प्रसाद, मरीज
डॉक्टर्स की हड़ताल पर टिकी निगाहें
बर्न केयर के आईसीयू में एडमिट सिवान जिले के 10 वर्षीय बच्चे आदित्य के पिता ईश्वर साहनी ने कहा कि पटाखे से उनका बेटा बुरी तरह जख्मी हो गया. जिसमें उसके कमर के नीचे का हिस्सा गंभीर रूप से जल गया. उन्होंने बताया कि वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं और उनके बच्चे का जांघ में सर्जरी होना है. मगर यह सर्जरी का डेट लगातार आगे बढ़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि जब जूनियर डॉक्टर की स्ट्राइक खत्म होगी तभी सर्जरी होगी.
बर्न केयर के आईसीयू में एडमिट 12 वर्षीय बच्चे रोहित के साथ मौजूद उसके भाई प्रवीण कुमार ने बताया कि बिजली के तार की चपेट में आने के कारण उसका भाई गंभीर रूप से जख्मी हो गया है. ऐसे में पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 5 दिनों से एक भी डॉक्टर ने वार्ड में आकर मरीज को नहीं देखा है.
'कई दिनों बाद आज मंगलवार के दिन सुबह सीनियर डॉक्टर ने आकर मरीज को देखा है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से आईसीयू में डॉक्टर के राउंड नहीं लगाने की बात मीडिया में सामने आई है. उसी का नतीजा है कि डॉक्टर मरीज को देखने पहुंचे हैं'- प्रवीण कुमार, मरीज के परिजन
इलाज की व्यवस्था पूरी तरह बदहाल मरीजों का टूटता सब्र का बांध
पीएमसीएच के सर्जिकल आईसीयू में एडमिट सुषमा देवी के पति राम नारायण प्रसाद ने बताया कि वह पूर्वी चंपारण से आए हैं और उन्होंने इलाज के लिए स्थानीय सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से पत्र लिखवाकर लाए थे. लेकिन उस पत्र की अस्पताल में कोई वैल्यू नहीं है और उसकी कोई सुनवाई नहीं है.
'मेरी पत्नी का पैर टूटा हुआ है और सर्जरी होनी है. मगर सर्जरी अभी नहीं हो पा रही है. डॉक्टर बार-बार यह कह रहे हैं कि जब तक जूनियर डॉक्टर की स्ट्राइक नहीं टूटेगी सर्जरी नहीं होगी'- राम नारायण प्रसाद, मरीज के परिजन
सर्जिकल वार्ड में ही एडमिट मरीज सूर्या देवी के पति सहेंद्र दास ने बताया कि उनकी पत्नी का हाथ टूटा हुआ है और सर्जरी होनी है. मगर डॉक्टरों के स्ट्राइक की वजह से सर्जरी नहीं हो पा रही है.
मरीजों को लेकर भटक रहे बेबस परिजन
पीएमसीएच के सर्जिकल वार्ड से अपने मरीज को ले जा रहे राजीव कुमार ने बताया कि उनके पिता रामसनेही महतो के पैर में चोट लगी थी. जिसके बाद वह 10 दिन से पीएमसीएच में भर्ती थे. उन्होंने कहा कि यहां डॉक्टरों ने नहीं देखा जिस वजह से पैर का जख्म काफी फैल गया है. अब वह बेहतर इलाज के लिए उन्हें यहां से लेकर किसी निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं.
मरीज ऑपरेशन के लिए कर रहे इंतजार 'अस्पताल से उन्हें जबरन डिस्चार्ज किया और कहा कि अभी यहां इसका इलाज नहीं हो पाएगा, क्योंकि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. ऐसे में मजबूरन अपने पिता को अच्छी जगह इलाज कराने के लिए ले जा रहे हैं. हम सिवान से बड़ी उम्मीद के साथ पीएमसीएच में इलाज कराने पहुंचे थे'- राजीव कुमार, मरीज के परिजन
इलाज करने वाले ही दे रहे 'दर्द'
पीएमसीएच के ट्रामा सेंटर में एडमिट राधा देवी के पति देवधारी ने बताया कि एक एक्सीडेंट में उनकी पत्नी का पैर जख्मी हो गया है और डॉक्टरों ने पैर काटने को कहा है. उन्हें जब अस्पताल में एडमिट किया गया तो उसके अगले दिन से ही डॉक्टरों की स्ट्राइक शुरू हो गई. इस वजह से अभी तक उनकी पत्नी के पैर की सर्जरी कर पैर नहीं हटाया गया है. ऐसे में यह जख्म और धीरे-धीरे फैल रहा है.
'डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि अगर इलाज की जल्दबाजी है तो दूसरी जगह ले जाएं या फिर यही इलाज कराना है तो जूनियर डॉक्टर का स्ट्राइक खत्म होने का इंतजार करें'-देवधारी, मरीज के परिजन
भगवान भरोसे पीएमसीएच के मरीज
ट्रामा सेंटर में एडमिट वैशाली के मरीज प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि वह पीएमसीएच का बड़ा नाम सुने थे. जिसके बाद इलाज कराने के लिए पीएमसीएच पहुंचे थे. मगर यहां सही इलाज नहीं हो रहा है और कोई डॉक्टर देखने नहीं आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पैर की सर्जरी होना है. मगर जूनियर डॉक्टर के स्ट्राइक के कारण यह सर्जरी अभी नहीं हो पा रही है.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था 'डॉक्टर धरती पर भगवान के रूप माने जाते हैं. मगर अस्पताल प्रबंधन, जूनियर डॉक्टर और सरकार के बीच गरीब और लाचार मरीज पीस रहे हैं. अब सब ऊपर वाले पर है कि कब उनकी सुनवाई होती है और सरकार की नींद खुलती है और डॉक्टर हड़ताल समाप्त करते हैं'-प्रभु नारायण सिंह, मरीज
जिस प्रकार से पीएमसीएच में स्थिति उत्पन्न हो गई है. उससे कहीं ना कहीं पीएमसीएच के साख पर बट्टा लग चुका है. एक सप्ताह हो जाने के बावजूद जिस प्रकार से इस मसले पर विपक्ष चुप है और सत्ता पक्ष अपना पक्ष नहीं रख रहा है इससे बिहार के स्वास्थ्य ढांचा और कमजोर हो रहा है. अब देखना ये है कि जूनियर डॉक्टरों की ये हड़ताल कब तक चलती है और मरीज कब तक इसमें पिसते हैं.