पटनाः बिहार के विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. हालत ऐसी है कि ग्रुप सी और डी की पदों पर लंबे समय से बहाली नहीं हुई है. वहीं, नियोजन की प्रक्रिया में भी अच्छा खासा वक्त लग रहा है. परिवहन विभाग के लिए वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त कर्मियों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 4 साल बाद भी अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.
जुलाई 2015 में परिवहन विभाग में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए नियोजन की जानकारी अखबारों के माध्यम से दी गई थी. इसमें निम्न वर्गीय लिपिक और उच्च वर्गीय लिपिक के पद शामिल हैं. 63 पदों के लिए 157 लोगों ने आवेदन किया. 4 साल बाद जनवरी 2019 में 63 लोगों की सूची विभाग ने प्रकाशित की. जिन्हें विभिन्न साक्षात्कार और प्रक्रिया के बाद चयनित किया गया था. लेकिन नियोजन की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पायी. रिटायर्ड कर्मियों को पिछले 4 साल से इंतजार है कि कब उन्हें नियोजन पत्र मिलेगा.
ईटीवी भारत संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट 'समय पर पूरी नहीं हो रही नियोजन प्रक्रिया'
आरजेडी नेता मदन शर्मा ने कहा कि सरकार किसी को रोजगार नहीं दे रही है. बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार घूम रहे हैं दूसरी तरफ जिन पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है वह भी समय पर पूरी नहीं हो रही. परिवहन विभाग के इस वैकेंसी पर कहा कि परिवहन विभाग कब तक नियोजन पत्र सौंपेगा यह तय भी नहीं है.
आरजेडी नेता मदन कुमार शर्मा जल्द मिलेगा नियोजन पत्र
वहीं, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस पर ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले ही 38 लोगों की सूची सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से भेजी गई है. सभी 38 लोगों को 1 सप्ताह के अंदर नियोजन पत्र मिल जाएगा. संजय अग्रवाल ने बताया कि सभी चयनित लोगों से कागजात मांगे गए थे. जिसके बाद सभी कागजात की जांच की गई. जिसके बाद 38 लोगों का नाम प्रशासन विभाग ने भेजा है.
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परिवहन सचिव के दावे के बाद देखना होगा कि कब तक नियोजन पत्र मिलता है. क्योंकि विभागों में कर्मचारियों की कमी से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. अनुमान के मुताबिक करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के पद विभिन्न सरकारी दफ्तरों में रिक्त पड़े हैं.