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देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर बोली- राजनीति में भी ट्रांसजेंडरों की हो भागीदारी

15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने पुरुष और महिला के अलावा ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी थी. अदालत ने कहा था कि यह भी भारत के नागरिक हैं.

मोनिका दास

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Published : Apr 18, 2019, 1:38 PM IST

पटना: देशभर में चुनावी माहौल चल रहा है ऐसे में ट्रांसजेंडर और सिंडिकेट बैंक में कार्यरत मोनिका दास ने बताया कि ट्रांसजेंडर कि भी राजनीतिक में भागीदारी होनी चाहिए. ट्रांसजेंडरों को राजनीतिक भागीदारी मिलेगी तो उनका भी विकास होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में ऐसी सरकार को बने जो समान रूप से सबका विकास करे क्योंकि सबका विकास होगा तभी समाज का उत्थान हो पायेगा. वहीं उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की थर्ड जेंडर का भी उत्थान करें ताकि वह भी मेनस्ट्रिम में आ सके.

मोनिका दास ट्रांसजेंडर, बैंकर्स से ईटीवी भारत के संवाददाता की खास बातचीत

कौन हैं मोनिका दास?

मोनिका दास देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर हैं. 29 वर्षीय मोनिका पटना के हनुमान नगर स्थित सिंडिकेट बैंक में कार्यरत है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से शुरू कर समाजशास्त्र से स्नातक की पढ़ाई की. साथ ही उन्होंने एलएलबी की भी डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने कहा कि आज के समय में भी किन्नर समुदाय के लोग समाज में अपने उत्थान के लिए संघर्ष कर रही है और अपने बलबूते पर अपना मुकाम बना रही है.

अपनी काबिलियत से अपनी पहचान बनाने में जुटी है.

गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने पुरुष और महिला के अलावा ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी थी. अदालत ने कहा था कि यह भी भारत के नागरिक हैं और उनमें संविधान के तहत हर अधिकार प्राप्त होना चाहिए. मान्यता मिलते के बाद परिदृश्य बदल गया और आज ट्रांसजेंडर अपनी काबिलियत से अपनी पहचान बनाने में जुटी हैं.

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