पटना:नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का आज जन्मदिन है. रात में तेजस्वी के घर पर परिवार वालों ने जन्मदिन मनाया. मां राबड़ी देवी, तेजस्वी के बहनोई राहुल यादव सहित परिवार के सदस्य मौजूद थे.
ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अपने नेता के जन्मदिन को लेकर काफी उत्साह है. हालांकि, चुनाव नतीजों को लेकर पार्टी की ओर से जारी एक संदेश में कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह का सेलिब्रेशन नहीं करने का निर्देश जारी किया गया है.
सादगी से मनाएं जन्मदिन
आरजेडी ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल पर लिखा- "सभी शुभचिंतकों और समर्थकों से विनम्र अनुरोध है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी के अपने जन्मदिन को सादगी से मनाने के निजी निर्णय का सम्मान करते हुए आप घर पर ही रहे और आवास आकर व्यक्तिगत रूप से बधाई देने से बचें. 10 नवंबर को मतगणना हेतु अपनी सजग उपस्थिति क्षेत्र में बनाए रखें."
इससे पहले आरजेडी ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को परिणाम आने के बाद सय्यामित रहने का निर्देश भी दिया. आरजेडी की ओर से ट्वीट कर कहा गया, "राजद के सभी कार्यकर्ता स्मरण रखें- 10 नवम्बर को चुनाव परिणाम कुछ भी हों उसे पूरे संयम, सादगी और शिष्टाचार से स्वीकारना है. अनुचित आतिशबाजी, हर्ष फायरिंग, प्रतिद्वंदियों अथवा उनके समर्थकों के साथ अशिष्ट व्यवहार इत्यादि किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा."
बिहार के सबसे कम उम्र के होंगे मुख्यमंत्री
तेजस्वी का जन्मदिन सोमवार को है और बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम मंगलवार को. तेजस्वी के नाम पर एक और कीर्तिमान बन सकता है. वह बिहार के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे. तेजस्वी के पहले सतीश प्रसाद सिंह 32 साल की उम्र में 1968 में बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके थे. तेजस्वी यह करामात 31 साल की उम्र में ही कर गुजरेंगे. एक जनवरी 1936 में जन्मे सतीश का कार्यकाल सिर्फ पांच दिनों का रहा था. हालांकि तेजस्वी का कीर्तिमान नतीजे पर ही निर्भर करता है. अभी एक्जिट पोल के बाद सिर्फ चर्चाओं का बाजार गर्म है.
सभी प्रत्याशियों के क्षेत्र में गए तेजस्वी
एक्जिट पोल का अनुमान सच हुआ, तो तेजस्वी राष्ट्रीय स्तर पर भी सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होने का रिकार्ड बना सकते हैं. हालांकि पुड्डुचेरी के एमओएच फारुक 29 साल की उम्र में सीएम बन चुके हैं. किंतु पुड्डुचेरी को राज्य का दर्जा नहीं है. वह केंद्र शासित प्रदेश है. रोजगार और स्थायी नौकरी को मुद्दा बनाकर तेजस्वी ने बिहार में महागठबंधन के लिए अनुकूल माहौल बनाया. पूरे चुनाव में उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए प्रचार की बागडोर अपने हाथ में ले रखी थी. उन्होंने कुल 251 सभाएं की हैं. तेजस्वी आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के तकरीबन सभी प्रत्याशियों के क्षेत्र में गए.
- सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी ऐसा कुछ नहीं करना चाहते हैं, जिससे उनके कार्यकर्ता उत्साहित हो जाएं. इसीलिए उन्होंने चुनाव परिणाम को सादगी से स्वीकारने की हिदायत भी दी है.