पटना:राजधानी पटना के पाटलिपुत्र स्टेशन से आरपीएफ ने छह मानव तस्कर को गिरफ्तार (Six Human Traffickers Arrested In Patna) किया. साथ ही उनके कब्जे से तीन नाबालिग किशोरियों को मुक्त कराया. तीनों किशोरियां पूर्वी चंपारण जिले के मीरपुर और चिरैया की रहने वाली बतायी जा रही है. मानव तस्कर इन ग्रामीण किशोरियों को नौकरी और पैसे कमाने का झांसा देकर चेन्नई लेकर जा रहे थे. लेकिन आरपीएफ जवानों की नजर उन पर पड़ गयी.
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नौकरी दिलाने का दिया गया था झांसा:पूछताछ के क्रम में तीनों किशोरियों ने बताया कि वो लोग घर में बिना बताये ही उनके साथ जा रही थी. इनको दिल्ली की कंपनी में खाना बनाने का काम दिलाने का झांसा दिया गया था. जिसके लिए उन्हें 16 हजार रुपये वेतन दिए जाने का वादा किया गया था. किशोरियों ने बताया कि गांव से बस पर पटना आए थे. लेट होने जाने के कारण ट्रेन छूट गयी. पहले दिल्ली में काम करवाने की बात बोला गया था, यहां आकर पता चला कि चेन्नई भेजा जा रहा है.
"आरपीएफ पोस्ट पाटलिपुत्र के अधिकारी व स्टाफ गाड़ी संख्या 22351 को पास कराने के बाद प्लेटफॉर्म गश्त कर रहे थे. इसी दौरान देखा गया कि छह लड़के और तीन किशोरियां प्लेटफार्म नंबर 4-5 पर संदिग्ध अवस्था में बैठे हैं. हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ"- एसए पटेल, आरपीएफ इंस्पेक्टर, पाटलिपुत्र
किशोरियों का चेन्नई लेकर जा रहे थे आरोपी:लोकल थाना चिरैया के एसएचओ से जब जानकारी ली गयी तो पता चला कि रात से ही तीनों किशोरियां गायब है. गिरफ्तार आरोपियों ने कड़ाई से पूछने पर बताया कि उसी के गांव के बगल के ठेकेदार मनोज राय रहता है. वह चेन्नई में ढलाई की कंपनी में काम करता है. उसी ने तीनों लड़कियों को वहां लाने के लिए बोला था. आरपीएफ की टीम ने इसकी सूचना बीबीए के अधिकारी और जीआरपी को देकर किशोरियों और आरोपित युवकों को उनके हवाले कर दिया.