मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा पटना:बिहार विधानसभाके मानसून सत्र के तीसरे दिन बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर और कार्यवाही शुरू होने पर सदन के अंदर जमकर हंगामा किया. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग को लेकर विधानसभा पोर्टिको में जमकर नारेबाजी की. जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कुछ देर के बाद अनुसूचित प्रश्न के दौरान बीजेपी के सदस्यों ने स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी. साथ ही कुर्सी और टेबल पटकने लगे. उस दौरान मार्शल द्वारा छीना-झपटी में दो कुर्सियां टूट गईं.
ये भी पढ़ें: Bihar Assembly Monsoon Session: तेजस्वी के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष, फिर उछाली कुर्सी.. सदन कल तक के लिए स्थगित
श्रवण कुमार का नेता प्रतिपक्ष पर आरोप:बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन नियम से चलता है. चाहे नेता विरोधी दल हो या फिर कोई सदस्य हो, हर किसी के लिए नियम बराबर है. नेता विरोधी दल ने अपने सदस्यों को उकसाकर जानबूझकर हंगामे की स्थिति पैदा की है.
"नेता विरोधी दल के इशारे पर विपक्ष के सदस्यों ने असंवैधानिक और दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य किया है, जिसे पूरे देश की जनता ने देखा है. इन्हें प्रश्न पूछने का साहस नहीं है. इन्होंने कुर्सी तोड़ा है, मेज पटकी है और गैर संवैधानिक काम किया है"- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री
कांग्रेस और माले विधायकों ने कहा क्या?:विधानसभा में हंगामे को लेकर कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने कहा कि बीजेपी के पास कोई काम नहीं है. बेरोजगारी के कारण कुर्सी और टेबल तोड़ रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं सीपीआई माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि हम लोग भी प्रोटेस्ट करते थे, जब विपक्ष में थे लेकिन कभी भी मार्शल हम लोगों के अगल-बगल नहीं लगाया गया. आज स्थिति ये है कि जब बीजेपी के लोग प्रोटेस्ट करते हैं तो उनके चारों तरफ मार्शल लगाना पड़ता है. कुर्सियां तोड़ने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
प्रेम कुमार पर सत्ता पक्ष पर पलटवार:उधर, विपक्ष की तरफ से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने सत्ता पक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि हम लोग तो अपनी बात रखने के लिए सदन में प्रोटेस्ट कर रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष हम लोगों की बात नहीं सुन रहे थे, इसलिए प्रोटेस्ट करना पड़ा. वहीं बीजेपी विधायक संजय सिंह ने कहा कि स्पीकर निरंकुश हो गए हैं. हमलोगों के साथ पक्षपात करते हैं.
"हम लोग तो सहयोग कर रहे थे लेकिन आसन के द्वारा जो पक्षपात किया जा रहा था, उसका प्रोटेस्ट कर रहे थे. दो-दो बार पुल गिर गया था, डिबेट में उसे आने देना चाहिए था. आसन की जिम्मेदारी है कि कार्यवाही सही से चले"-प्रेम कुमार, विधायक, बीजेपी
5 दिनों का है मानसून सत्र:बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिनों का है. बुधवार को सत्र का तीसरा दिन था लेकिन कुछ देर सदन की कार्यवाही चलने के बाद फिर से कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. सदन में उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. अब मानसून सत्र में केवल 2 दिन बचे हैं लेकिन जनता के अधिकांश सवाल अभी बचे हुए हैं, उसका उत्तर नहीं हो पाया है.