पटनाः इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, इस बात की बानगी उस समय देखने को मिली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में पहुंचे थे. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि कांग्रेस अभी इंडिया गठबंधन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. कांग्रेस अभी पूरी तरह से पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है. नीतीश कुमार के बयान के बाद भाजपा नेता पूरी तरह से इंडिया गठबंधन पर हमलावर हो गए. उनका कहना है कि यह गठबंधन अब आगे नहीं चलने वाला है.
"जिस दिन से इंडिया गठबंधन बनने की बात हो रही थी उस दिन से यह लग रहा था कि केवल नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए है. भाजपा का जो 10 साल का शासन है, उससे ये लोग इतने डरे हुए हैं कि कई लोग मिलकर एक विकल्प देना चाह रहे हैं. लेकिन स्वाभाविक है कि उनके पास ना कोई मुद्दा था, ना कोई नेतृत्व. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसमें अपने आप को स्थापित करना चाह रहे थे, अब नीतीश कुमार की कोई भी क्रेडिबिलिटी नहीं है."- मनोज शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
नीतीश को बिहार के लोग नेता नहीं मानतेःमनोज शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक पूरी तरह से असफल थी. उसमें लालू यादव के बोल अलग थे और नीतीश के बोल अलग थे. उसके बाद जो बेंगलुरु की बैठक हुई, वहां पूरे शहर में नीतीश कुमार के फैलियर होने का पोस्टर लगा दिया गया. वह पोस्टर क्यों लगाए गए? किसने लगवाया? उसके बाद जब मुंबई की बैठक हुई तो नीतीश कुमार जी ने यहां से 100 लोगों को वहां पहले से ही भेज दिया था और अपने पक्ष में पोस्टर लगवाए थे.
कोई राजनीतिक विकल्प नहींःभाजपा नेता ने कहा कियह पहले दिन से स्पष्ट था कि इस गठबंधन का भविष्य नहीं है. नीतीश कुमार की जो महत्वाकांक्षा है उस महत्वाकांक्षा को बिहार के लोग मानने को तैयार नहीं है, तो पूरे देश के लोग कैसे मानेंगे. यह तो हश्र होना ही था. जब भाजपा प्रवक्ता से यह पूछा गया कि सीपीआई सचिव अमरजीत कौर ने कहा है कि हर सीट पर गठबंधन हो ऐसा संभव नहीं है तो बीजेपी प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि इनके पास कहने को कुछ बचा नहीं है. यह कौन सा राजनीतिक विकल्प दे रहे? इन्हें यह भी मालूम नहीं है.