पटनाः कोविड-19 से जूझ रहे लोगों के बीच कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. ताकि इस खतरनाक वायरस के भय से मुक्ति मिल सके. देश में चल रहे कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का अंतिम चरण अब समाप्ति की ओर है. पटना एम्स में भी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद राज्य में जल्द ही कोरोना वैक्सीन की पहली खेप मिलने की उम्मीद है. लेकिन वर्ष 2021 में बिहार स्वास्थ्य विभाग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
28 दिनों के अंतराल पर लगेगा दूसरा टीका
पहले टीके के 28 दिनों के अंतराल पर दूसरा टीका लगेगा. राज्य में हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की तैयारी की जा रही है. पहले चरण में 5 लाख सरकारी एवं निजी अस्पतालों के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिए जाने की तैयारी है. 2 लाख फ्रंटलाइनर जिसमें पुलिसकर्मी, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और सेविका के साथ अन्य सामाजिक संस्थानों की टीम शामिल है. दूसरे चरण में राज्य में 60 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर टीका देने की तैयारी की जा रही है.
वर्ष 2021 में स्वास्थ्य विभाग के लिए यह प्रमुख चुनौतियां होंगी
1. कोरोना टीका का वितरण.
कोरोना वैक्सीन का इंतजार लंबे अरसे से हो रहा है. और जब केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन बिहार को उपलब्ध करा रही है तो उसका वितरण पंचायत स्तर तक करना स्वास्थ विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी.
2. कोरोना वैक्सीन का भंडारण.