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Pitru Paksha 2023 : अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेले को लेकर पुनपुन में 8 जोड़ी ट्रेनों का अस्थाई ठहराव, पिंडदानियों को होगी सहूलियत

आज 28 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में पिंडदानीयों की सुविधा के लिए पटना- गया रेलखंड के पुनपुन घाट पर आठ जोड़ी ट्रेन के अस्थाई रूप से ठहराव की घोषणा की गई है. दरअसल पुनपुन नदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि गयाजी में पितरों का पिंडदान करने से पहले पुनपुन में पिंडदान करना जरूरी होता है.

पितृपक्ष
पितृपक्ष

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2023, 1:51 PM IST

पटनाःअंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेले की शुरुआत आज यानी 28 सितंबर से हो गई है, जो आगामी 14 अक्टूबर तक चलेगा. पुनपुन पितृपक्ष मेले में न केवल बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बंगाल से बल्कि विदेशों से भी हजारों की संख्या में पिंडदानी अपनी पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितरों का तर्पण करने के लिए यहां आते हैं. हजारों की संख्या में पिंडदानियों के आगमन को लेकर रेलवे ने भी 8 जोड़ी ट्रेनों का अस्थाई रूप से ठहराव की घोषणा की है.

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पुनपुन घाट पर इन ट्रेनों का अस्थाई ठहरावः जिन ट्रेनों का ठहराव होना है, उनमें 18625/18626 पूर्णिया कोर्ट- हटिया- पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस, 18623 /18624 इस्लामपुर -हटिया- इस्लामपुर एक्सप्रेस, 13243/ 13244 पटना- भभुआ रोड - पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस, 13347 /13348 पटना -बरकाकाना पटना- पलामू एक्सप्रेस, 13349 /13350 सिंगरौली- पटना -सिंगरौली एक्सप्रेस, 12365 /12366 पटना- रांची- पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस, 13329/ 13330 पटना- धनबाद -पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस और 14223 /14224 राजगीर- वाराणसी -राजगीर बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस शामिल है.

पुनपुन में 8 जोड़ी ट्रेनों का अस्थाई ठहराव

दो मिनट के लिए होगा ट्रेनों का ठहरावः पुनपुन घाट हाल्ट पर 8 जोड़ी यानी 16 ट्रेनों का दो-दो मिनट तक का अस्थायी रूप से ठहराव दिया गया है. इसके बाद यहां पिंडदान करने आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. जिला प्रशासन की तरफ से भी अच्छी तैयारी की गई है, ताकि आने वाले पिंडदानियों को सुरक्षा के साथ अच्छी व्यवस्था दी जा सके.

अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला

पुनपुन घाट पर पिंडदान की मान्यताः दरअसल वेदों और पुराणों में ऐसी मान्यता है कि गया जाने से पहले पुनपुन घाट पर ही पहले पिंड का तर्पण करने का विधान है. क्योंकि कभी भगवान श्री राम ने भी पहले यहां पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड का तर्पण किया था. इस पौराणिक महता को देखते हुए एक ओर जहां जिला प्रशासन इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी है. वहीं रेलवे प्रशासन ने भी 8 जोड़ी ट्रेनों का अस्थाई रूप से ठहराव किया है.

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