पटनाःनेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एनडीए को आड़े हाथों लेते हुए बीजेपी और जेडीयू पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बड़ी चतुराई से नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का एलान किया है. लेकिन यह नहीं बताया कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन होंगे. नेतृत्व में चुनाव लड़ना और जीत के बाद सीएम बनाना. दो अलग-अलग बातें होती हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जेपी नड्डा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव के बाद सीएम कौन बनेगा.
तेजस्वी ने कहा कि 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू साझा रूप से प्रचार की थी, लेकिन इसबार दोनों अलग-अलग चुनाव प्रचार अभियान चला रही है. जेडीयू के प्रचार सामाग्री में एनडीए और बीजेपी का कोई जिक्र नहीं होता है. वहीं, बीजेपी भी अपने आत्मनिर्भर बिहार अभियान में नीतीश कुमार या जेडीयू को जगह नहीं दे रही हैं. इसमें जरूर कुछ गड़बड़ हैं.
'सुशासन में हुए 58 घोटाले'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं मानता हूं कि बिहार में विकास हुआ है, लेकिन यहां अपराध का विकास हुआ है, अपराधियों का विकास हुआ है, बालात्कारियों का विकास हुआ है, हत्यारों का विकास हुआ है और भ्रष्टाचारियों का विकास हुआ हैं. नीतीश कुमार के शासन काल में बिहार में 58 घोटाले हुए हैं. खुद उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी सृजन घोटाले घंसे हैं. सुशील मोदी का विकास हुआ है.
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन इनके पास बिहार में सीएम फेस नहीं है. 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही गई थी. बिहार को मिलने वाला विशेष पैकेज का क्या हुआ? बिहार में बाढ़ आई, केंद्र कि ओर से कितने स्पेशल पैकेज दिए गए? बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने तक केंद्रीय टिम नहीं आई है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बयान 'नहीं होगी एनडीए की वापसी'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तो बिहार को रेल कारखाना दिया गया था. लेकिन बीजेपी राज में रेल मंत्री उसे भी यूपी ले जा रहे थे. उन्होंने कहा कि आपदा के समय में बिहार के मजदूरों को ट्रेन नहीं दी गई. मजदूर हजारों किमी पैदल चलकर आए हैं. इनलोगों ने मजदूरों को अपमानित किया. विपक्ष ने हल्ला बोला तब जा स्पेशल ट्रेन चलाई गई. उसमें भी मजदूरों से पैसे वसूले गए. इनके शासन काल में गरीबों का बुरा हाल है. युवा बेरोजगार है. बिहार का बेरोजगारी दर बढ़कर 66.6 फीसदी हो गया. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? समय आ गया है, जनता इन्हें सबक सिखा देगी. एनडीए की वापसी नहीं होने जा रही है.