पटना:आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव 28 मई को पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाने वाले थे. लेकिन उन्होंने अपने लिए गए निर्णय को वापस लेते हुए जनता दरबार स्थगित कर दिया है. इसके पीछे क्या कारण है यह तो स्पष्ट नहीं है, पर कई वजह निकलकर सामने आ रही हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों के बाद सक्रिय हुए तेज प्रताप ने ऐलान किया था कि वो मंगलवार से जनता की समस्याओं का निराकरण करेंगे. इसके लिए उन्होंने पहले की तरह ही वीरचंद पटेल पथ स्थित राजद कार्यालय में 10 बजे जनता दरबार लगाने की जानकारी अपने व्यक्तिगत ट्विटर अकाउंट पर साझा की थी. लेकिन उन्होंने अपने इस फैसले को लाल झंडी दिखा दी है. आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है?
बीमार हैं लालू...
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद से राजद सुप्रीमो लालू यादव की तबीयत बिगड़ गई है. वो ज्यादा कुछ खा पी नहीं रहे हैं. चिंतित लालू की खाने पीने की दिनचर्या में बदलाव आया है. उनके डॉक्टर के मुताबिक वो एक बार सुबह में नाश्ता करने के बाद फिर सीधे रात में ही खाना खाते हैं, इस वजह से हम लोगों को दवाइयां देने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि पिता की खराब तबीयत को देखते हुए भी तेज प्रताप ने अपने जनता दरबार को स्थगित कर दिया है.
अब और नहीं चलेगी
ऐसा माना जा रहा है कि हमेशा से पार्टी के विरोध में जाकर स्टैंड लेने वाले तेज प्रताप को पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जनता दरबार लगाने से मना किया होगा. जिस तरह से बिहार में लोकसभा चुनाव में राजद को सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा है, उससे पार्टी नहीं चाहती कि अब कोई और बखेड़ा खड़ा हो. लोगों में कोई गलत संदेश जाए.
राबड़ी आवास में होगी समीक्षा बैठक
तेज प्रताप यादव के जनता दरबार स्थगित किए जाने की एक वजह 28 और 29 मई को राबड़ी आवास में होने वाली पार्टी की समीक्षा बैठक भी मानी जा रही है. इस बैठक में पूर्व सीएम राबड़ी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ तेज प्रताप भी शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में आगे की रणनीति और इस बार पार्टी के खराब प्रदर्शन पर मंथन होगा.